रायपुर। भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री तथा छत्तीसगढ़ राज्य सँयुक्त पेन्शनर फेडरेशन के प्रदेश संयोजक वीरेन्द्र नामदेव ने छत्तीसगढ़ में तबादलों पर लगायें गये प्रतिबन्ध को कुछ समय के लिए तत्काल हटाने की मांग को लेकर मुख्यमन्त्री भूपेश बघेल को ट्वीट किया है.
जारी विज्ञप्ति में उन्होंने कहा है कि राज्य में कुछ वर्षों से मितव्ययिता बरतने के नाम पर राज्य शासन द्वारा स्थानांतरण से रोक नही हटाये जाने के कारण प्रदेश में घर से दूर पदस्थ 1-2 वर्ष के भीतर रिटायर होने वाले कर्मचारी जीवन के अंतिम पड़ाव पर पारिवारिक दायित्वों को पूरा करने घर के पास जाने की आस में तबादला चाहने वाले द्वितीय, तृतीय व चतुर्थ वर्ग के कर्मचारी सबसे ज्यादा परेशान है और तो और इसी आस को लिये हुए अनेक लोग इन वर्षो में घर के पास तबादला की आस लिये रिटायर हो गए है कुछ तो भगवान को प्यारे भी हो गए हैं।
जारी विज्ञप्ति मे उन्होंने मितव्ययिता को लेकर स्थानांतरण पर लगे प्रतिबन्ध पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि स्वयं के व्यय पर और सेवानिवृत्ति के कगार पर अपने गृह नगर या आस पास रिक्त पदों पर तबादला चाहने वालों के लिये प्रतिबन्ध को तुरन्त हटाये जाने की मांग की है,क्योंकि इसमें स्थापना व्यय का कोई भार सरकार पर नहीं पड़ेगा और मितव्ययता निर्णय यथावत कायम रहेगा। तबादला आदेश में अनुसूचित क्षेत्र में कई साल से सेवा दे रहे कर्मचारियों को सामान्य क्षेत्र में लाने का अभियान चलाना चाहिए. वहाँ प्रदेश के विकास में काम कर रहे लोग स्वयं के व्यय पर तबादला के लिए सहर्ष तैयार बैठे है. मुख्यमन्त्री भूपेश बघेल को इन उपेक्षा के शिकार लाचार लोगों के साथ भी सहृदयता का परिचय देते हुए तबादला में लगे रोक हटा कर न्याय करने की मांग की है. जारी विज्ञप्ति में उन्होंने आगे बताया है कि मितव्ययता को लेकर व्यूरोक्रेट के सलाह पर राज्य सरकार ने तबादले पर प्रतिबंध लगाया हुआ है,परन्तु जब से राज्य में भूपेश सरकार पदारूढ़ हुये है तब से लगातार मुख्यमंत्री के समन्वय के नाम पर पहुँच वालों का सरकारी खर्चे पर स्थानान्तरण हुये है और हो रहे हैं, जिससे कारण मितव्ययिता एक जुमला बनकर रह गया है। पूर्व में भी यही होता रहा है,उसी की पुनरावृत्ति भूपेश सरकार में भी निरन्तर जारी है।