CRPF जवान के बेटे को मौत के मुंह से बचाया, मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की हो रही तारीफ
जगदलपुर। डिमरापाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल की टीम ने एक बार फिर कारनामा कर दिखाया है. मेडिकल टीम ने दिमागी बुखार से पीड़ित एक बच्चे को नई जिंदगी दी है. इस बच्चे को 9 अगस्त के दिन गंभीर हालत में डिमरापाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लाया गया था. इसके बाद बच्चे की स्थिति को देखते हुए वेंटिलेटर पर रखा गया. लगातार तीन दिनों तक डॉक्टरों की टीम ने बच्चे की मॉनिटिरिंग के साथ इलाज किया. जिसके बाद बच्चा खतरे से बाहर आया.आपको बता दें कि बच्चे के पिता सीआरपीएफ जवान हैं.
आपको बता दें कि जब बच्चे को अस्पताल लाया गया था तो उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी.दवाई और इंजेक्शन के बाद भी बच्चे की हालत में सुधार नहीं हो रहा था.ऐसे में बच्चे की गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने तत्काल उसे वेंटिलेटर पर रखा.मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लाने से पहले बच्चे का इलाज सीआरपीएफ बटालियन करणपुर अस्पताल में चल रहा था.फिलहाल बच्चे की हालत खतरे से बाहर है.
डॉक्टरों के मुताबिक बच्चे की हालत इतनी खराब थी कि उसके फेफड़ों ने काम करना बंद कर दिया था. बीमारी का पता लगते ही डॉक्टरों की टीम बच्चे के इलाज में जुटी. तीन दिन तक लगातार मॉनिटरिंग करते हुए इलाज के बाद बच्चा खतरे से बाहर आ सका.जल्द ही बच्चे को डिस्चार्ज कर दिया जाएगा. बच्चे के इलाज में एचओडी डॉ अनुरूप साहू, डॉ डीआर. मंडावी, डॉक्टर पुष्पराज, डॉ मधुराधा, डॉक्टर बबिता, डॉ पालाराम मीणा, डॉ अंबिका, डॉक्टर हर्ष, डॉक्टर बलदेव और स्टाफ नर्स कुमारी उपासना चंद्रवंशी ने अहम भूमिका निभाई.