छत्तीसगढ़

कांग्रेस हार के डर से कर रही उटपटांग हरकतें : बृजमोहन अग्रवाल

Shantanu Roy
26 Nov 2022 6:16 PM GMT
कांग्रेस हार के डर से कर रही उटपटांग हरकतें : बृजमोहन अग्रवाल
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छग
रायपुर। भानुप्रतापपुर उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी ब्रम्हानंद नेताम पर दुष्कर्म के आरोप से कांग्रेस ने अपनी सियासत चमकाने की कोशिश की है। कांग्रेस ने यह आरोप लगाया कि भाजपा प्रत्याशी का नाम 2019 में एक नाबालिग से दुष्कर्म करने और उसे देह व्यापार में धकेलने के मामले में उनका नाम शामिल है। इसके बाद भाजपा की ओर से प्रत्याशी ब्रम्हानंद नेताम ने इस फर्जी करार दिया, साथ ही बीजेपी की सभी दिग्गज नेताओं ने भी अपने प्रत्याशी का समर्थन करते हुए अपने-अपने बयान जारी किए। साथ ही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम को भी आड़े हाथों लेते हुए प्रत्याशी पर बेबुनियाद आरोप लगाकर उन्हें बदनाम करने एवं इस मामले की पीड़िता का नाम उजागर करने का आरोप लगाया है। इस संवेदनशील मुद्दे को लेकर भाजपा के दिग्गज नेता व पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने मोहन मरकाम की गिरफ्तारी की मांग की है। इसी गिरफ्तारी के मामले को लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से पुलिस अधीक्षक एवं भारतीय जनता पार्टी चारामा मंडल की ओर से थाना प्रभारी को ज्ञापन भी सौंपा गया। जिसमें मोहन मरकाम के खिलाफ तमाम आरोपों को लगाते हुए है, उनपर कार्रवाई करने की मांग की गई। इन सभी मामलों पर पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि 21 तारीख को कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम के द्वारा एक प्रेसवार्ता कर भानुप्रतापपुर विधानसभा के भा.ज.पा. प्रत्याशी ब्रम्हानंद नेताम के विरूद्ध झूठे आरोप लगाकर बदनाम करने की कोशिश की गई।
लेकिन मोहन मरकाम जी के द्वारा जो प्रथम सूचना पत्र सार्वजनिक किया गया, जिसमें भा.ज.पा. प्रत्याशी ब्रम्हानंद नेताम का नाम नहीं था। जिससे यह बिल्कुल भी स्पष्ट नहीं होता कि, ब्रम्हानंद नेताम जी इस सारे प्रकरण में दोषी है। इसके बावजूद भी उन्हें बदनाम करने की कोशिश की गई। इतना ही नहीं चुनाव प्रचार करने के लिए प्रेस नोट जारी किया गया है, जो कि आपत्तिजनक है। श्री अग्रवाल ने आगे कहा कि, सिर्फ इतना ही नहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने मोहन मरकाम जी ने जो प्रकरण पत्र जारी किया, उसमें पीड़िता, जिसने वर्ष 2019 में उसके साथ घटना करने वालों के खिलाफ प्रथमिक सूचना पत्र दर्ज कराई थी; उस पीड़िता का नाम भी खुले तौर पर प्रेसवार्ता तथा प्रेस नोट जारी कर सार्वजनिक किया है। यह लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 (पॉक्सो एक्ट की धारा 23 (2) के तहत अपराध है। इस अपराध में पीड़िता का नाम उजागर करने वाले को कम से कम छः माह से एक वर्ष तक की कारावास से जो किसी भी प्रकरण का होगा तथा अर्थदण्ड से दंडित किया जा सकता है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम द्वारा पीड़िता का नाम व पता सार्वजनिक किया जाने का कार्य एक अपराध की श्रेणी में आता है। इसलिए मैं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम द्वारा किये गए कार्य की निंदा करते हुए उनके विरुद्ध अपराध दर्ज किये जाने तथा उन्हें गिरफ्तार किए जाने की मांग करता हूँ।
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