छत्तीसगढ़

अवैध प्लाटिंग मामले में एसडीएम से की गई शिकायत

Shantanu Roy
21 March 2022 2:20 PM GMT
अवैध प्लाटिंग मामले में एसडीएम से की गई शिकायत
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छग

बिलासपुर। अवैध प्लाटिंग की शिकायत एसडीएम से कर जांच की मांग की गई है। उन्हें बताया गया कि मरवाही में गोरखधंधा जमकर फल फूल रहा है। ऐसे लोग कृषि भूमि को खरीद कर वहां अवैध प्लाटिंग कर डिसमिल के हिसाब से लोगों को बेच रहे हैं एवं शासन को चूना लगा रहे है। मरवाही में अवैध प्लाटिंग की सूची बनाई गई है इसमें 13 लोगों के द्वारा 17 लोगों को जमीन बेची गई है। लेकिन जिला प्रशासन के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करने से प्रश्न चिन्ह लगा रहा है।

पूर्व में मरवाही के तहसीलदार शशि चौधरी ने मरवाही तहसील के अंतर्गत अवैध प्लाटिंग की सूची तैयार कर कार्रवाई के लिए एसडीएम मरवाही को फरवरी 2022 को प्रेषित किया गया था। लेकिन एक माह के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई है। तहसीलदार के हलका में परिवर्तन करते हुए नायब तहसीलदार को अवैध प्लाटिंग से संबंधित ग्रामों का प्रभार सौंपा गया है।
परंतु मामले में जिला प्रशासन कार्रवाई नहीं की है। ज्ञात हो कि भूमि की प्लाटिंग करने के लिए लाइसेंस एवं डायवर्सन के लिए एनओसी लेनी पड़ती है। कालोनी बनाने की पहले उन्हें लोगों को क्या सुविधाएं देनी होगी इसको लेकर रेरा में भी रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है। शासन के आदेश के अनुसार कालोनाइजरों को अपनी कॉलोनी को रेरा में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। इससे प्लाट खरीदने वालों को परेशान नहीं होना पड़े। लेकिन कालोनाइजरों के द्वारा ऐसा नहीं किया जा रहा है।
अवैध प्लाटिंग कर जमीन बेचने वाले विक्रेताओं के नाम में रेशमा कुम्हारी,राधाबाई मरवाही,मनोज कुमार, आलोक गुप्ता, रुक्सार परवीन, जयवर्धन कुरोठे कुम्हारी, राजेंद्र प्रताप लोहरी, कलीम खान मरवाही, मोहम्मद आवेश, रामवती, फूलकुंवर, अविचंल, कलावती।
क्रेताओं के नाम में जयप्रकाश चंद्रा, हेमवती शर्मा,नितिन गुप्ता,मुस्कान बजाज,आशा पटेल,लक्ष्मी राय,सूर्यप्रकाश पांडेय,रशिम राय,भारती गुप्ता,गिरजेश,नेहा,सुमन लाल,तिलक राम यादव,सुनीता गुप्ता,समुदिया बाई,रामसेवक,ममता शामिल है।
विकास खंड मरवाही के जकांछ के अध्यक्ष विनय चौबे ने कहा है कि मरवाही विधानसभा क्षेत्र राजनीतिक रूप से शून्य हो गया है। प्रत्येक क्षेत्र में प्रशासनिक दखलंदाजी बढ़ गई है। कार्रवाई के नाम पर सिर्फ आश्वासन मिल रहा है। प्रशासनिक दबाब इतना है कि जनप्रतिनिधियों की बातों को भी अनसुना की जा रही है।
अगर तहसीलदार के द्वारा मरवाही के हित में ईमानदारी पूर्वक कार्य किया जा रहा है। इससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगाया जा सकेगा।लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते प्रशासन के द्वारा कार्य क्षेत्र के विभाजन का आदेश जारी किया जाता है। इसके कारण भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को संरक्षण मिल रहा है। इससे आम लोगों में आक्रोश व्याप्त है।
Shantanu Roy

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