छत्तीसगढ़
छग राज्य महिला आयोग ने 200 जनसुनवाई में 2175 प्रकरणों का निराकरण किया
Shantanu Roy
24 July 2023 6:07 PM GMT
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छग
रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने 3 साल में 2175 मामलों का निराकरण किया है। इस दौरान 4103 मामले पंजीबद्ध हुए। इस प्रकार लगभग 50 फीसदी से ज्यादा मामलों का निराकरण किया जा चुका है, वहीं 1928 मामले आगामी सुनवाई के लिए विचाराधीन है। यह आंकड़े महिला आयोग अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने 24 जुलाई को जारी किए। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग अध्यक्ष पद पर नियुक्ति 16 जुलाई 2020 को दी थी, जिस पर शासन का आदेश 20 जुलाई 2020 को जारी किया गया था। 21 जुलाई 2020 को डॉ. किरणमयी नायक ने पद भार ग्रहण किया था। इस तीन वर्ष के कार्यकाल का समापन 21 जुलाई को हो गया है। इसके पूर्व ही नये कार्यकाल की वृद्धि का आदेश 13 जुलाई को जारी किया गया। जिसके पालन में 24 जुलाई को नये कार्यकाल का पद भार ग्रहण किया गया।
इस नये कार्यकाल में छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग अपने कार्यों का विस्तार नये तेवर, नये अंदाज में पूरे छत्तीसगढ़ में करेगी। तीन साल में लगभग 8-10 महीना कोविड के कारण काम नहीं हो सका और अवकाश के दिनों को हटा दिया जाए तो लगभग हर तीसरे दिन एक जन सुनवाई अवश्य हुई है। आज दिनांक तक पूरे छत्तीसगढ़ में नोटिफिकेशन निकालकर कुल 200 जन सुनवाई हो चुकी है इतनी जन सुनवाई में 3 साल के कार्यकाल में कुल 4103 मामले पंजीबद्ध हुए, जिनमें से 2175 मामले निराकृत हुए और 1928 मामले शेष आगामी सुनवाई हेतु विचाराधीन है, जिसका ग्राफीकल चार्ट संलग्न है। पूरे छत्तीसगढ़ का लगभग 4 बार पूरा दौरा हो चुका है और बड़े जिलों में कई बार जन सुनवाई हुई है। बस्तर के सुदुर अंचल सुकमा, नारायणपुर, बीजापुर, सरगुजा, जशपुर और बलरामपुर के प्रकरणों में भी वहां पहुंचकर सुनवाई की गई है।
वर्ष 23 जुलाई 2020 से 21 जुलाई 2023 तक प्राप्त प्रकरणों की जानकारी इस प्रकार है :-
• शारीरिक प्रताडना - प्राप्त प्रकरण 152, निराकरण 267, लंबित 173
• मानसिक प्रताड़ना - प्राप्त प्रकरण 2114, निराकरण 1107, लंबित 1007
• यौन प्रताडना - प्राप्त प्रकरण 06, निराकरण 06, लंबित 00
• आर्थिक प्रताड़ना - प्राप्त प्रकरण 42, निराकरण 22, लंबित 20
• कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न - प्राप्त प्रकरण 04, निराकरण 02, लंबित 02
• कार्यस्थल पर प्रताडना - प्राप्त प्रकरण 106, निराकरण 63, लंबित 43
• दैहिक शोषण - प्राप्त प्रकरण 135, निराकरण 91, लंबित 44
• अपहरण - प्राप्त प्रकरण 26, निराकरण 14, लंबित 12
• मारपीट - प्राप्त प्रकरण 348, निराकरण 170, लंबित 178
• संपत्ति विवाद - प्राप्त प्रकरण 260, निराकरण 110, लंबित 150
• दहेज प्रताड़ना - प्राप्त प्रकरण 440, निराकरण 267, लंबित 173
• टोनही प्रताड़ना - प्राप्त प्रकरण 37, निराकरण 21, लंबित 16
• बलात्कार - प्राप्त प्रकरण 34, निराकरण 24, लंबित 10
• हत्या - प्राप्त प्रकरण 61, निराकरण 37, लंबित 24
• बाल विवाह - प्राप्त प्रकरण 01, निराकरण 01, लंबित 00
• मानव तस्करी - प्राप्त प्रकरण 01, निराकरण 01, लंबित 00
• भरण पोषण - प्राप्त प्रकरण 86, निराकरण 37, लंबित 49
• एसीड अटैक - प्राप्त प्रकरण 00, निराकरण 00, लंबित 00
• सामाजिक बहिष्कार - प्राप्त प्रकरण 15, निराकरण 03, लंबित 12
• विविध - प्राप्त प्रकरण 235, निराकरण 105, लंबित 130
कुल :- प्राप्त प्रकरण 4103, निराकरण 2175, लंबित 1928
मुख्यमंत्री से विशेष अनुरोध कर सभी जिला कलेक्टरों से डी.एम. एफ. की राशि सीधे आयोग में प्राप्त करने के बाद मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ के माध्यम से 23 जिलों में कुल 218 दिन, कुल 872 गांव में / ब्लॉकों में / जिला मुख्यालयों में मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ के माध्यम से लघु फिल्मों के माध्यम से आम जनता को महिलाओं से संबंधित कानूनी अधिकार के बारे में जागरूक किया गया है। इस रथ में 12 x 8 sq ft. का LED स्क्रीन था साथ ही विभिन्न तरह के पाम्प्लेट, ब्रोशर और कानूनी सलाहकारों के द्वारा मौके पर उपस्थित जन के सवालों का जवाब भी दिया गया। बस्तर जैसे जिलों में वहां के स्थानीय भाषा के जानकार के द्वारा हिन्दी और छत्तीसगढ़ी भाषा में विधिक फिल्मों को स्थानीय भाषा में समझाया गया। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग से महिलाओं को मिलने वाले निःशुल्क और त्वरित न्याय की प्रक्रिया की जानकारी दिया गया और आवेदन करने के लिए व्हाट्सअप कॉल नं. 9098382225 Email-ID [email protected], QR Code की भी जानकारी दिया गया । "मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ" के माध्यम से आम जनता को होने वाले लाभों को देखते हुए संभाग स्तर पर मास्टर ट्रेनर तैयार करने के लिए सभी संभागों में संभाग स्तरीय प्रशिक्षण कराया गया। जिसका विवरण निम्नानुसार है -
• बस्तर संभाग में 17 फरवरी ( संभाग स्तरीय प्रशिक्षण)
• सरगुजा संभाग में 23 फरवरी (संभाग स्तरीय प्रशिक्षण)
• दुर्ग संभाग में 28 फरवरी (संभाग स्तरीय प्रशिक्षण)
• बिलासपुर संभाग में 3 मार्च (संभाग स्तरीय प्रशिक्षण)
• रायपुर संभाग में 12 मार्च ( राज्य स्तरीय प्रशिक्षण)
4 संभाग में संभाग स्तरीय प्रशिक्षण और रायपुर में राज्य स्तरीय प्रशिक्षण किया गया। जिसमें सभी संभागों में लगभग 1500 मास्टर ट्रेनर और रायपुर संभाग में 700 मास्टर ट्रेनर तैयार किये गए कुल 2200 मास्टर ट्रेनर तैयार किये गए। जिन्हें निम्न बिन्दुओं पर प्रशिक्षण दिया गया :-
• छ.ग. राज्य महिला आयोग के संबंध में संक्षिप्त जानकारी।
• साइबर क्राईम एवं मानव तस्करी (Anti Human trafficing)
• महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडन (निवारण, प्रतिषेध तथा प्रतितोष) अधिनियम 2013
• महिला अपराध एवं साक्ष्य एकत्रीकरण
• 23 जिलों में DMF से मिली राशि 1,32,00,000.00 (एक करोड़ बत्तीस लाख रूपये) में से कुल 218 दिन, कुल 872 गांवों / ब्लाकों पर " मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ" के माध्यम से लोगों को महिलाओं के कानूनी अधिकारों की ऑडियों विजुअल माध्यम से, पुरस्कृत लघु फिल्मों के द्वारा जागरूक किया गया।
"यह रथ 28 जुलाई 2022 को मुख्यमंत्री निवास स्थान से शुरू होकर 6 जून तक लगातार प्रचार करता रहा। जिसका लाभ लगभग लाखों महिलाओं एवं बच्चियों ने लिया । पुराने 5 जिलों कवर्धा, बलरामपुर, सुकमा, नारायणपुर एवं गौरेला - पेण्ड्रा - मरवाही से DMF राशि नहीं मिली अतः उन जिलों में मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ नहीं पहुंचा।"
राज्य स्तरीय प्रशिक्षण के समापन दिवस पर मुख्यमंत्री ने छत्तीगढ़ राज्य महिला आयोग के मोबाईल एप भी लॉन्च किया। अब छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग में मोबाईल एप के माध्यम से भी शिकायतें लिए जाने की कार्यवाही शीघ्र ही प्रारंभ होगी।
वर्ष 23 जुलाई 2020 से 21 जुलाई 2023 तक प्राप्त एवं निराकृत प्रकरणों की जानकारी :-
• वर्ष - 20/07/2020 से 31/03/2021 तक प्राप्त प्रकरण 1507, निराकरण 527, लंबित 980
• वर्ष - 1/04/2021 से 31/03/2022 तक प्राप्त प्रकरण 1036, निराकरण 513, लंबित 523
• वर्ष - 01/04/2022 से 31/03/2023 तक प्राप्त प्रकरण 1182, निराकरण 742, लंबित 440
• वर्ष - 01/04/2023 से 21/07/2023 तक प्राप्त प्रकरण 378, निराकरण 393, लंबित -15
कुल प्राप्त प्रकरण 4103 में से 2175 प्रकरण में 53% प्रतिशत मामले पूर्णतः निराकृत हो गये है और 1928 मामले लंबित है। इस प्रकार लगभग दोनों पक्ष में आने वाले पक्षकारों की संख्या के अनुसार लगभग 11000 से अधिक परिवारों का प्रकरण महिला आयोग के द्वारा अब तक सुना गया है।
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