छत्तीसगढ़
वैक्सीन सर्टिफिकेट पर बोले छत्तीसगढ़ सरकार-खर्च हमारा तो फोटो पीएम मोदी की क्यों?
Apurva Srivastav
23 May 2021 5:22 PM GMT
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छत्तीसगढ़ सरकार ने कोरोना वैक्सीन लगाने वालों को प्रधानमंत्री मोदी की जगह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की फोटो वाला सर्टिफिकेट देना शुरू किया है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने कोरोना वैक्सीन लगाने वालों को प्रधानमंत्री मोदी की जगह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की फोटो वाला सर्टिफिकेट देना शुरू किया है। जबकि पहले प्रधानमंत्री मोदी वाला सर्टिफिकेट दिया जाता था। इतना ही नहीं छत्तीसगढ़ सरकार ने 18 से 44 साल की उम्र वालों के टीकाकरण के लिए अपनी वेबसाइट भी लांच की है। इस वेबसाइट का नाम CGTEEKA रखा गया है। सर्टिफिकेट में मुख्यमंत्री वाले फोटो को लेकर राज्य सरकार के मंत्री ने कहा है कि अगर पैसा हमारा खर्च होगा तो फोटो पीएम का क्यों होगा।
छत्तीसगढ़ सरकार ने 18 वर्ष से लेकर 44 वर्ष तक के उम्र वालों के टीकाकरण सर्टिफिकेट पर भूपेश बघेल की फोटो लगाई है। राज्य सरकार का तर्क है कि इस टीकाकरण का खर्च वह उठा रही है इसलिए सर्टिफिकेट पर भी मुख्यमंत्री की फोटो लगाई जा रही है। हालांकि भाजपा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस पार्टी पर टीकाकरण की बजाय प्रचार करने का आरोप लगाया है।
वहीं राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने कहा है कि राज्य सरकार 18 से 44 वर्ष तक के उम्र के लोगों के वैक्सीन का खर्च उठा रही है, इसलिए सर्टिफिकेट में पीएम मोदी की बजाय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की फोटो लगाई गई है। साथ ही स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि अगर राज्य ही इसका खर्च उठा रहा है तो इसपर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। केंद्र सरकार सिर्फ 45 वर्ष से ऊपर के लोगों के टीकाकरण का खर्च वहन कर रही है इसलिए उन सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर लगाई गई है।
वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की फोटो लगाए जाने पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमण सिंह ने कहा है कि छपास से रोग से पीड़ित मुख्यमंत्री को वैक्सीनेशन की नहीं बल्कि अपने फोटो की चिंता है। न समय से टेंडर निकला, न ही बजट की व्यवस्था की, न ही टीकाकरण का इंतजाम, पोर्टल भी बिना तैयारी के शुरू सिर्फ वैक्सीन का राजनीतिकरण हुआ है। अब जनता त्रस्त है और सीएम मस्त हैं।
पिछले 24 घंटे में छत्तीसगढ़ में कोरोना के 3375 नए मामले सामने आए। साथ ही 75 मौत लोगों की इस महामारी की वजह से हो गई। इस दौरान करीब 7587 लोगों को डिस्चार्ज किया गया। राज्य में अभी 57,766 एक्टिव मामले हैं।
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