दुर्ग। पुत्र के इलाज के लिए इकरारनामा तैयार कर 70 हजार की रकम प्राप्त कर ली, परंतु रकम के बदले दिया गया चेक बाउंस हो गया। जब परिवादी ने डिमांड नोटिस भेजा तो अभियुक्त ने झूठा जवाब देकर गुमराह करने का प्रयास किया, लेकिन राशि अदा नहीं की। परिवादी द्वारा कोर्ट में परिवाद पेश करने पर न्यायालय ने परिवादी के पक्ष में फैसला सुनाया। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी दुर्ग डी एस बघेल की कोर्ट ने अभियुक्त रूपा यादव को आदेश दिया कि वह 1 लाख रुपए जुर्माने की राशि परिवादी को 30 दिन के भीतर अदा करें। जुर्माने की राशि अदा न करने की दशा में अभियुक्त को 2 माह का साधारण कारावास भुगतना होगा। इस मामले में परिवादी योगेश द्विवेदी की ओर से अधिवक्ता नरसिंह शर्मा एवं अभियुक्त रुपा यादव की ओर से अधिवक्ता श्याम श्रीवास्तव ने पैरवी की थी।
शंकर नगर दुर्ग निवासी योगेंद्र द्विवेदी की जान पहचान अभियुक्त रूपा यादव निवासी शीतला मंदिर के पास नयापारा से थी। रूपा यादव के पुत्र के इलाज हेतु उसे रकम की आवश्यकता होने पर उसने योगेंद्र त्रिवेदी से 70000 रुपए लिए थे और इस ऋण प्राप्ति की अदायगी को लेकर इकरारनामा भी निष्पादित किया गया था। इसके एवज में चेक भी प्रदान किया गया था। अपनी रकम की वापसी के लिए जब 28 सितंबर 2017 को परिवादी ने बैंक में चेक डाला तो चेक बाउंस हो गया था।