छत्तीसगढ़
सट्टे में 1 करोड़ हारने वाले कारोबारी ने की ख़ुदकुशी, पेड़ पर लटकी मिली लाश
Shantanu Roy
27 Oct 2022 2:46 PM GMT
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छग
रायगढ़। रायगढ़ जिले में गुरुवार को लोगों ने हाथ में तख्ती लेकर शवयात्रा निकाली। यहां 12 घंटे के भीतर दो लोगों की आत्महत्या से शहरवासियों में आक्रोश है। बुधवार शाम को जहां बालाजी डोर फर्म के संचालक के कारोबारी बेटे मयंक मित्तल (34 वर्ष) ने खुदकुशी कर ली, तो वहीं गुरुवार सुबह व्यवसायी बादशाह मुनव्वर (54 वर्ष) ने आत्महत्या कर ली। घटना कोतवाली थाना क्षेत्र की है। शहरवासियों ने कारोबारी मयंक मित्तल की शवयात्रा में 'मित्तल परिवार इंसाफ मांगता सटोरियों पर कार्रवाई चाहता' लिखी हुई तख्ती पकड़े हुए थे। उन्होंने सटोरियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। जानकारी के मुताबिक, रविवार को हुए भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच में मयंक मित्तल ने सट्टा लगाया था, जिसमें वे 1 करोड़ की राशि हार गए थे। इसके बाद 26 अक्टूबर की शाम मालधक्का रोड स्थित घर पर कारोबारी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। लोगों ने पुलिस पर क्रिकेट सट्टे पर कोई कार्रवाई नहीं करने के आरोप लगाए।
लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस के संरक्षण में सट्टा कारोबार फलफूल रहा है। लोगों ने कहा कि सट्टे में 1 करोड़ की धनराशि हार जाने से हताश कारोबारी ने मौत को गले लगा लिया। तख्ती पर 'जुआ सट्टा बंद हो', 'क्रिकेट खाईवालों को तत्काल पकड़ो' जैसी बातें भी लिखी हुई थी। इधर पुलिस ने मयंक मित्तल के केस में तो सट्टे की बात मानी है, लेकिन दूसरे कारोबारी बादशाह मुनव्वर खान की आत्महत्या के पीछे पारिवारिक विवाद बता रही है, जबकि लोगों ने साफ कहा कि मुनव्वर को भी क्रिकेट मैच में सट्टा लगाने की लत थी और उसने भी अपनी जान इसमें रुपए हार जाने के कारण ली है। बादशाह मुनव्वर खान की लाश गुरुवार सुबह बाघ तालाब चांदमारी के पास एक पेड़ पर फांसी के फंदे से लटकी हुई मिली। दोनों मामलों में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। कोतवाली थाना प्रभारी शनिप रात्रे ने कहा कि मामले की जांच के बाद ही स्पष्ट तौर पर कुछ कहा जा सकेगा। वहीं सोशल मीडिया पर आत्महत्या के दोनों मामले तेजी से वायरल हो रहे हैं।
सट्टेबाजी भारत में लीगल नहीं
इन घटनाओं से सट्टेबाजी एक बार फिर चर्चा में आ गई है। बरसों से ऑफलाइन के साथ ही ऑनलाइन सट्टेबाजी भी खिलाई जा रही है। भारत में ही भले ही यह कानूनी तौर पर वैध नहीं है, लेकिन फिर भी बड़ी संख्या में भारत में क्रिकेट का सट्टा खेला जाता है। करीब 3 साल पहले 2019 में फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) की रिपोर्ट आई थी, जिसके मुताबिक भारत में सट्टेबाजी का कारोबार 3 लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा का है। यह राशि करीब-करीब उस वक्त के भारत के रक्षा बजट के बराबर थी।
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