छत्तीसगढ़

बिरगांव कांड : वर्चस्व और बड़ा बनने की अदावत ने ली जान

Nilmani Pal
31 Oct 2022 5:50 AM GMT
बिरगांव कांड : वर्चस्व और बड़ा बनने की अदावत ने ली जान
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राजधानी में सट्टा, गांजा और जुआ बड़े पैमाने पर, रवि डॉन के बाद अब...

पुलिस के नाक के नीचे चल रहा बावनपरियों का खुला खेल

माल और कमाल वालों की फिर सजने लगी महफिल

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। राजधानी में नशे के सौदागरों ने अपना वर्चस्व कायम करने अब सुपारी भी देने लग गए हैं। कालीबाड़ी क्षेत्र के नामी सटोरिया और डॉन रवि ने भी सिर्फ वर्चस्व की लड़ाई में माना क्षेत्र में एक युवक की हत्या करवा दी थी। उसी प्रकार बिरगांव में भी कांग्रेस नेता के भतीजे की भी हत्या लगभग इसी की परिणीति मानी जा रही है। बीरगांव के गाजी नगर में रहने वाले 21 साल के वहाजुद्दीन के हत्यारे इलाके में नशे का करोबार करने वाले माफिया करीम और इसके साथी विश्वनाथ को पुलिस से पकड़ लिया है। लेकिन अब जनमानस में एक ही सवाल घर कर रहा है की नशे के सौदागरों के हौसले इतने बुलंद हैं की वे अपने प्रतिद्वंदियों को मरवाने सुपारी तक दे रहे हैं। बिरगांव कांड से जनमानस में गुस्सा पुलिस की लापरवाही पर भी है।

मर्डर केस में ही जेल जा चुका है फिरोज

इस हत्याकांड का आरोपी और मास्टरमाइंड करीम का साला फिरोज पहले जेल जा चुका था। इससे पहले एक मर्डर केस में उसे पुलिस ने पकड़ा था। हाल ही में जेल से निकला था। जब बाबू लापता हुआ तो चाचा इकराम ने उसके दोस्तों से पूछताछ की तो पता लगा कि उसे आखिरी बार फिरोज के साथ ही देखा गया था। ये जानकारी भी उरला पुलिस को दी गई,लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। मर्डर का मास्टरमाइंड करीम 100-150 लड़कों के साथ इस इलाके में नशे का रैकेट चलाता है। उसका थाने में आना-जाना लगा रहता था। पुलिस ने मामले में ढीला रवैया रखा।

पुलिस की लगातार धरपकड़ के बावजूद भी जुआडिय़ों,नशेडिय़ों और सटोरियों का आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा है। पुलिस कप्तान के निर्देश के बावजूद भी ये अवैध गतिविधि में लिप्त रहने वाले लोग अपना काम बेखौफ अंजाम दे रहे हैं। जुआरी जगह बदल बदल कर अपना खेल जारी रखे हुए हैं। छत्तीसगढ़ जुआरियो के लिए स्वर्ग बना गया है। छत्तीसगढ़ में सिर्फ जुआ ही नहीं छुटभैये नेताओ के मदद से नशे का कारोबार और सट्टा भी फल-फूल रहा है। सूचना के बाद भी सख्त कार्रवाई नहीं होने के कारण अवैध कारोबारियों के हौसले बुलंद है। यही कारण है कि कारोबारी अवैध धंधे से बाज नहीं आ रहे है। और अपने गतिविधियों को बेखौफ चला रहे है। जनता से रिश्ता ने पिछले कई सालों से नशा, जुआ और सट्टा के खिलाफ समाचार प्रकाशित करते आ रहा है। राजधानी में जगह जगह मोहल्ले में खुलेआम गांजा बेचा जा रहा है। छत्तीसगढ़ में नशे का कारोबार दिन पर दिन फल-फूल रहा है, नशे ने युवा पीढ़ी को अपने आगोश में ले रखा है। राजधानी रायपुर में शराब, गांजा, हेरोइन, चरस, हेरोइन, अफीम की तस्करी का खेल खुलेआम चल रहा है, नशे का अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। शहर के अधिकांश लोग यहां से फोन पर कांटेक्ट कर माल की सप्लाई करते हैं। इसके लिए तस्करों ने महिलाओं और बच्चों को नियुक्त कर रखा है। तस्कर कई बार पकड़ जाते हैं मगर ढीली कानून व्यस्था की वजह से कार्रवाई पूरी नहीं हो पाती। नशेड़ी यहां खुलेआम धुंआ उड़ाते नजर आते हैं। सटोरियों की गिरफ््तारी से इनके हौसले पस्त होनी थी बल्कि उनके हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। हालांकि अब भी सटोरिये और नशीली पदार्थो से सप्लायर काम बंद नहीं किये हैं बल्कि अब पुलिस को चकमा देने जगह-जगह बदल कर कारोबार को संचालित कर रहे है। पिछले दिनों कांग्रेस पार्षद के भतीजे की हत्या भी इसी का परिणाम है। एक क्षेत्र में एक ही सटोरिया और मादक पदार्थो के सप्लायर रहना चाहता है। इनके वर्चस्व और बड़ा बनने की अदावत से ही लोगो को मौत के घाट तक उतार देते हैं। राजधानी में पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद भी सट्टा, जुआ, शराब, गांजा की तस्करी जारी है। इस सबके पीछे छुटभैया नेताओं का हाथ बताया जाता है जो पुलिस पर अपने रसूख का दबाव बनाकर अपराधियों को पुलिस की चंगुल से छुड़ाने में कामयाब हो रहे है। इसके आलावा तस्करों का थाने के स्टाफ से मेलजोल भी एक कारण है।

दुबई से सट्टा संचालित कर रहे बड़े सटारियों तक नहीं पहुंच रही पुलिस

महादेव और अन्ना रेडी एप से देशभर में करोड़ों का आनलाइन क्रिकेट सट्टा संचालित करने वाले मास्टर माइंड सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल समेत पांच बड़े खाईवाल पुलिस की गिरफ्त से अब तक दूर हैं। पुलिस का दावा है कि ये दुबई में बैठकर सट्टे का संचालन कर रहे हैं। लिहाजा इनकी गिरफ्तारी संभव नहीं है। ऐसे में अब पुलिस के राडार पर लोकल बड़े खाईवाल फिर से आ गए हैं। तफ्तीश में सट्टे के पैसे लेन-देन के करीब 400 बैंक खातों का पुलिस ने राजफाश किया था, लेकिन उन खाताधारकों का अब तक पता नहीं चल पाया है। ये खाताधारक दूसरे राज्यों के हैं पर कौन हैं और ये एप से कैसे जुड़े? इन सवालों का जवाब पुलिस के पास नहीं है।

रायपुर पुलिस ने पिछले महीने अभियान चलाकर महादेव और अन्नाा रेडी एप के जरिए क्रिकेट सट्टेबाजी से करोड़ों रुपये इधर से उधर कर रहे रायपुर, दुर्ग और भिलाई के 60 से ज्यादा सटोरियों को पकड़ा था। इस दौरान रायपुर के कई बड़े खाईवालों का नाम भी सामने आया था, लेकिन पुलिस उन तक पहुंच वहीं पाई। दुबई में बैठकर देशभर में सट्टेबाजी का खेल संचालित कर करोड़ों रुपये का कारोबार कर रहे महादेव एप के संचालक भिलाई के सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल समेत सतीश कुमार, धर्मजयगढ़ (रायगढ़) के अतुल अग्रवाल और कपिल चेलानी को भले ही पुलिस ने दर्ज किए गए केस में आरोपित बना लिया है, लेकिन इन्हें गिरफ्तार करना संभव नहीं है, क्योंकि सौरभ व रवि दुबई में बैठे हैं, जबकि बाकी खाईवाल अपने-अपने जिले में भूमिगत होकर सट्टे का खेल संचालित कर रहे हंै। पुलिस इनकी गिरफ्तारी करने की तैयारी मेें जुटी है। पुलिस की जांच में किराए पर लिए गए एक हजार से अधिक बैंक खातों से करोड़ों रुपये के लेन-देन का राजफाश हुआ था। करीब चार सौ बैंक खातों से हवाला के जरिए कालेधन को खपाने का राजफास होने पर पुलिस खाताधारकों के बारे में जानकारी जुटा रही थी, ताकि बड़े रैकेट का पता चल सके, लेकिन पुलिस की जांच अब थम-सी गई है। खाईवालों ने आनलाइन गेमिंग एप के जरिए क्रिकेट सट्टे का पैसा इधर से इधर करने के लिए अधिकांश निजी बैंक खाते का इस्तेमाल किया था। बैंकों में खाता खुलवाने के लिए दिए गए नाम, पते संबंधी दस्तावेजों की सही तरीके से पुलिस ने जांच भी नहीं की। कई बैंक खाते ऐसे भी निकले हैं, जो बिना वेरिफिकेशन के आनलाइन ही खोल दिए गए थे। पुलिस ने बैंक वालों को नोटिस भेजकर खाताधारकों की जानकारी मांगी पर अब तक पुलिस को जानकारी नहीं मिल पाई। ऐसे में जांच बीच में ही रुक गई।

एएसपी सिटी अभिषेक माहेश्वरी ने कहा कि आनलाइन गेमिंग एप से जुड़े खाईवालों के नेटवर्क को खंगालने के साथ ही बैंक खातों में किए गए लेन-देन की जांच कर रहे हैं। जल्द ही कुछ और लोगों की गिरफ्तारी संभव है।

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