x
छग
महासमुंद। डॉ. भीमराव अंबेडकर महाविद्यालय बलौदा में युथ रेड क्रॉस तथा राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वाधान में अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें महाविद्यालयीन अधिकारी/कर्मचारी, राष्ट्रीय सेवा योजना स्वंय सेवक व युथ रेड क्रॉस के सैकड़ों छात्र छात्रा सम्मिलित हुए । महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य अनिता पटेल ने बताया कि साक्षरता उज्ज्वल भविष्य का प्रवेश द्वार है समाज में शिक्षा के प्रचार प्रसार व लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 8 सितंबर को साक्षरता दिवस मनाया जाता है। महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी कमला दिवान ने साक्षरता के महत्व को बताते हुए कहा कि जब कोई व्यक्ति साक्षर होता है तो इससे न केवल उस व्यक्ति की बल्कि उसके साथ साथ समाज एवं राष्ट्र का विकास भी आगे बढ़ता है। महाविद्यालय के आन्तरिक गुणवत्ता आश्वसान प्रकोष्ठ प्रभारी श्री गजानंद नायक ने बताया अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस का मुख्य लक्ष्य छोटे बड़े सभी को शिक्षित करना है। जो लोग आर्थिक तंगी या घर के किसी ऐसी समस्या के कारण शिक्षा से वंचित रह गए उन्हें भी शिक्षित करना है। ताकि अज्ञानता के अंधकार को दूर किया जा सके। अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के द्वारा देश के प्रत्येक नागरिक को शिक्षित करना है ऐसा लक्ष्य हमें निर्धारित करना होगा।
क्रीड़ा प्रभारी किरण कुमारी ने कहा आज के समय में कई ऐसे लोग हैं जो शिक्षा को समय की बर्बादी मानते हैं और छोटे बच्चों को पढ़ाई लिखाई की उम्र में काम करने के लिए भेज देते हैं। इससे उन बच्चों का भविष्य बर्बाद होता है और साथ में देश का भी। इसलिए ऐसे लोगों को जागरूक करना होगा कि शिक्षा का जीवन में क्या महत्व है। रेड क्रॉस प्रभारी श्री रमेश पटेल ने बताया साक्षरता शिक्षा का प्रवेश द्वार है, जो निरक्षर को समर्थ व सशक्त बनाती है ताकि वे सामाजिक जीवन में प्रभावी ढंग से भाग ले सके।किसी भी देश की सामाजिक आर्थिक सांस्कृतिक राजनैतिक और तकनीकी उन्नति इस तथ्य पर निर्भर करती है कि वहां के नागरिक किस सीमा तक शिक्षित है। आज हमें प्रतिज्ञा लेकर काम करने की आवश्यकता है ताकि हमारा देश 100 % साक्षर हो सके । अंत में बलौदा ग्राम में साक्षरता रैली निकालकर तथा पोस्टर चिपका कर लोगों को जागरूक किया गया।
Next Story