रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त एम के राउत और राज्य सूचना आयुक्त धनवेन्द्र जायसवाल ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 का समय पर पालन नहीं करने और समय पर आवेदक को जानकारी उपलब्ध नहीं कराने के कारण चार जनसूचना अधिकारी को 25-25 हजार रूपए अर्थदण्ड अधिरोपित करते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी को निर्देशित किए हैं कि अधिरोपित राशि तत्काल जमा कर चालान की प्रति आयोग को प्रेषित करें।
सूचना व्यक्ति के ज्ञान का स्त्रोत है। वह विकास की आधारभूत शक्ति है । सूचना व्यक्ति के जीने और संघर्ष करने की सामर्थ को बढ़ाती है, जो सूचना दे रहा है उसमें सहयोग पारदर्शिता और संयम को विकसित करती है। केन्द्र और राज्य सरकारों के अतिरिक्त पंचायतीराज सरथाएँ, स्थानीय शासन तथा गैर-सरकारी संगठन जिन्हें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सरकारी अनुदान प्राप्त होता है, इस कानून में शामिल किया गया है। सरकार के क्रियाकलापों के संबंध में नागरिकों को जानकार बनाने के लिए यह अधिनियम मिल का पत्थर साबित हो रहा है।