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चांदनी चौक स्वतंत्रता सेनानियों की कहानी याद दिलाता है

Teja
9 Aug 2023 5:20 AM GMT
चांदनी चौक स्वतंत्रता सेनानियों की कहानी याद दिलाता है
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भारती : आजादी के मतवालों का वह दौर ही अलग था, मां भारती की स्वाधीनता के लिए मर मिटने को जिदंगी का ध्येय समझा जाता था। बात 80 वर्ष पूर्व की, लेकिन लगता ऐसे हैं जैसे सब सामने घटित हो रहा हो। उधर से क्रांतिकारियों की टोली गगनभेदी नारे लगाते बढ़ रही है, तो इस ओर संगीन ताने पुलिस वालों का दस्ता खड़ा है। फिर एक-दूसरे से भिड़ंत और गोलियों व लाठियों के वार से गिरते, दम तोड़ते लोग। उसमें से भी कुछ लोग आगे बढ़ जाते हैं और गुलाम मुल्क में आजादी का परचम लहराते हैं। वर्ष 1942 को चांदनी चौक में यहीं तो हुआ था नौ अगस्त के दिन। कटरा नील के बाहर क्रांतिकारियों पर अंग्रेजों की पुलिस ने गोलियां बरसाईं। जिसमें कई युवाओं की जान चली गई थी। महात्मा गांधी ने ही तय किया कि आठ अगस्त को मुंबई में तो नौ को चांदनी चौक के टाउन हाल पर तिरंगा फहराया जाएगा। कुछ दिन पहले ही लार्ड हार्डिंग के जुलूस पर कटरा नील के सामने लाला हनुमत सहाय द्वारा बम फेंकने की घटना हुई थी, उसके बाद से ही पुरानी दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई थी। फिर जैसे ही झंडा फहराने के कार्यक्रम की जानकारी मिली वैसे ही, टाउन हाल के आसपास भारी संख्या में पुलिसबल तैनात कर दिया और घोषणा कर दी गई थी कि यहां जो भी आएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी, लेकिन आजादी के दीवाने कहां मानने वाले थे।का परचम लहराते हैं। वर्ष 1942 को चांदनी चौक में यहीं तो हुआ था नौ अगस्त के दिन। कटरा नील के बाहर क्रांतिकारियों पर अंग्रेजों की पुलिस ने गोलियां बरसाईं। जिसमें कई युवाओं की जान चली गई थी। महात्मा गांधी ने ही तय किया कि आठ अगस्त को मुंबई में तो नौ को चांदनी चौक के टाउन हाल पर तिरंगा फहराया जाएगा। कुछ दिन पहले ही लार्ड हार्डिंग के जुलूस पर कटरा नील के सामने लाला हनुमत सहाय द्वारा बम फेंकने की घटना हुई थी, उसके बाद से ही पुरानी दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई थी। फिर जैसे ही झंडा फहराने के कार्यक्रम की जानकारी मिली वैसे ही, टाउन हाल के आसपास भारी संख्या में पुलिसबल तैनात कर दिया और घोषणा कर दी गई थी कि यहां जो भी आएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी, लेकिन आजादी के दीवाने कहां मानने वाले थे।का परचम लहराते हैं। वर्ष 1942 को चांदनी चौक में यहीं तो हुआ था नौ अगस्त के दिन। कटरा नील के बाहर क्रांतिकारियों पर अंग्रेजों की पुलिस ने गोलियां बरसाईं। जिसमें कई युवाओं की जान चली गई थी। महात्मा गांधी ने ही तय किया कि आठ अगस्त को मुंबई में तो नौ को चांदनी चौक के टाउन हाल पर तिरंगा फहराया जाएगा। कुछ दिन पहले ही लार्ड हार्डिंग के जुलूस पर कटरा नील के सामने लाला हनुमत सहाय द्वारा बम फेंकने की घटना हुई थी, उसके बाद से ही पुरानी दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई थी। फिर जैसे ही झंडा फहराने के कार्यक्रम की जानकारी मिली वैसे ही, टाउन हाल के आसपास भारी संख्या में पुलिसबल तैनात कर दिया और घोषणा कर दी गई थी कि यहां जो भी आएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी, लेकिन आजादी के दीवाने कहां मानने वाले थे।

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