बिहार

गलत खान-पान हड्डियों को कर रहा है कमजोर

Harrison
17 Aug 2023 2:11 PM GMT
गलत खान-पान हड्डियों को कर रहा है कमजोर
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बिहार | अनियमित दिनचर्या एवं एसी कल्चर ने युवाओं की हड्डियों को कमजोर करना शुरू कर दिया है. हड्डियों के कमजोर होने से युवा ऑस्टियोमैलेसिया (अस्थिमृदुता) नामक बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. डॉक्टरों के मुताबिक इलाज को लेकर लापरवाही से कमजोर हड्डियों के टूटने का खतरा 80 प्रतिशत तक बढ़ेगा. इस बीमारी से ग्रस्त युवाओं को उठने-बैठने तक में परेशानी हो रही है.
मायागंज अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. सोमेन चटर्जी ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के ओपीडी में रोजाना आ रहे कुल मरीजों में से करीब 25 से 30 फीसदी मरीजों में ऑस्टियोमैलेसिया की बीमारी पायी जा रही है. युवाओं में यह बीमारी लगातार बढ़ती जा रही है. ऑस्टियोमैलेसिया के शिकार युवाओं की उम्र 35 से 45 साल के बीच होती है. उन्होंने बताया कि इस बीमारी में युवाओं की हड्डियां मुलायम होती जाती हैं. एक-दो मामले में तो बच्चों की भी हड्डियां कमजोर पायी गयीं, लेकिन बच्चों में पाये जाने वाले इस रोग को रिकेट्स कहा जाता है. उन्होंने बताया कि अगर समय रहते अनियमित खान-पान और लगातार एसी का प्रयोग कम नहीं किया गया तो 40 की उम्र के बाद युवाओं में बोन फ्रैक्चर का खतरा 70 से 80 प्रतिशत तक बढ़ जाता है.
जेएलएनएमसीएच को मिले 124 जूनियर रेजीडेंट
बिहार के सभी मेडिकल अस्पतालों को कुल 1016 जूनियर रेजीडेंट मिले हैं. इनमें से 124 जूनियर रेजीडेंट जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (मायागंज अस्पताल) को मिले हैं.
स्वास्थ्य विभाग की विशेष कार्य पदाधिकारी रेणु कुमारी द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, अस्पतालों में इन जूनियर रेजीडेंट की तैनाती एक साल के लिए होगी. अस्पताल के अधीक्षक इन्हें विभिन्न विभागों में तैनात करते हुए इनसे ओपीडी, इंडोर, इमरजेंसी, ओटी (शल्य क्रिया) आदि में इनकी सेवाएं ले सकेंगे. इनकी भी हाजिरी बॉयोमीट्रिक के जरिये होगी. प्रभारी अधीक्षक डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि कुछ जूनियर रेजीडेंट ने अपना योगदान दिया है. सब लोगों द्वारा योगदान कर दिए जाने के बाद ही सभी विभागाध्यक्षों के साथ बैठक होगी. इसी बैठक के जरिये योगदान करने वाले जूनियर रेजीडेंट को उनका विभाग व दायित्व का निर्णय होगा.
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