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बिहार | सरकार और प्रशासन के द्वारा रोजगार के लाख दावों के बाद भी गांव में निवास करने वाले मजदूरों को रोज काम नहीं मिल पा रहा है. काम नहीं मिलने की वजह से मजदूर या तो प्रदेश पलायन करने को मजबूर हैं या फिर काम की तलाश में गांव गांव भटकते हैं. प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांव में रोजगार के अभाव के कारण आर्थिक रूप से कमजोर राज मिस्त्रत्त्ी व रोजगार की तलाश में रोज तारापुर के शहीद चौक पर सुबह काम की तलाश में पहुंचते हैं.
कुछ को काम मिलता है तो कुछ वापस लौट जाते हैं. काम की तलाश में शहीद चौक के समीप एकत्रित फेकन साव,उदय यादव,सुधीर यादव,सुभीत यादव ,धीरो यादव, प्रमोद सिंह,बाल्मीकि यादव, मुकेश यादव, विभाष तांती,फूचो यादव,कपिलदेश यादव,मनोज मंडल ने बताया कि हमलोग प्रखंड के अलग अलग गांव से रोज काम मिलने की उम्मीद लिये यहां आते हैं. कम मजदूरी पर भी काम को तैयार रहते हैं फिरभी सभी को रोज काम नहीं मिल पा रहा है. पिछले माह से तो काम का काफी अभाव हो गया है.
पूरे महीने में मुश्किल से 8-10 दिन काम मिल पा रहा है. काम रोज नहीं मिलने से आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. सरकारी भवन ,कार्यालय, विद्यालय यदि क्षेत्र में कहीं बन रहा होता है तो उसमें भी हमलोग को ठेकेदार काम नहीं देता है. हमलोग प्रखंड में दिये गये राजमिस्त्रत्त्ी का प्रशिक्षण लिये हुए हैं. मजदूरों ने बताया कि मनरेगा में मशीन के प्रयोग से जॉबकार्ड रहते काम नहीं मिल पाता है. मजदूरों ने बताया कि यही स्थिति रही तो हमलोग छठ पूजा के बाद दूसरे राज्यों में काम की तलाश में जाएंगे.
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