बिहार
CS ऑफिस में सर्टिफिकेट के लिए घुस लेते पकड़ाये कर्मी, दो गिरफ्तार
Deepa Sahu
4 Nov 2022 9:25 AM GMT
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बड़ी खबर
भागलपुर सदर अस्पताल परिसर स्थित सिविल सर्जन कार्यालय से गुरुवार को एसडीओ धनंजय कुमार ने दो कर्मचारियों को घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा. दोनों आरोपितों को तिलकामांझी थाने के हवाले कर दिया. सदर अस्पताल में एएनएम बहाली को लेकर प्रमाण पत्र बनाने के नाम पर छात्राओं से घूस लिया जा रहा था.
प्रमाण पत्र बनाने के लिए घूस की डिमांड
डीडीसी कुमार अनुराग को सीएस कार्यालय में घूस लेकर प्रमाण पत्र बनाने की सूचना मिली थी. एसडीओ धनंजय कुमार को संबंधित छात्राओं ने लिखित शिकायत की. एसडीओ ने घूस लेने वाले दो आरोपितों स्टेनो रवि शंकर व चतुर्थवर्गीय कर्मचारी राजेंद्र को रंगे हाथ पकड़ा. एक कर्मचारी मौके से फरार हो गया. उनके पास से 15250 रुपये मिले, जिसे छात्राओं को लौटा दिया गया.
टेबल के नीचे पेमेंट
एएनएम कोर्स के छात्राओं ने बताया कि उनलोगों से कहा गया कि सरकारी विभाग से किसी तरह का प्रमाण पत्र लेना है, तो टेबल के नीचे पेमेंट करना होगा. मालूम हो कि सदर अस्पताल में प्राय: जांच कराने के नाम पर वसूली का मामला उजागर होता रहा है.
तिलकामांझी थाना में एफआइआर दर्ज
सिविल सर्जन कार्यालय के स्टेनो रवि शंकर व पीयून राजेंद्र से अनुमंडल पदाधिकारी ने पूछताछ की. उन्होंने प्रमाण पत्र बनाने के एवज में पैसा लेने की बात स्वीकारा. इसके बाद दोनों को हिरासत में लेकर तिलकामांझी थाना में सौंप दिया गया. इसके बाद सिविल सर्जन को पूरे मामले की जानकारी दी. इस आधार पर सिविल सर्जन डॉ उमेश प्रसाद शर्मा ने तिलकामांझी थाना में एफआइआर दर्ज कराया.
दो कर्मी पकड़े गये
इधर, एसडीओ धनंजय कुमार ने बताया कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी. घूस लेने मामले में एक स्टेनो, एक कंप्यूटर ऑपरेटर व एक चतुर्थवर्गीय कर्मचारी शामिल थे. इसमें दो पकड़े गये व एक फरार है. फरार कर्मी की खोजबीन जारी है.
डीडीसी कुमार अनुराग गुरुवार दाेपहर 12 बजे एक अभ्यर्थी के रिश्तेदार बनकर कार्यालय पहुंचे. कार्यालय में स्टेनाे रवि झा व फाेर्थ ग्रेड स्टाफ राजेंद्र ने उनसे 500 रु मांगा. उनके साथ आये अभ्यर्थी ने पैसे दे दिये. जबकि अन्य लाेगाें से एक-एक हजार रुपये की मांग की जा रही थी. डीडीसी के सामने घूस लिया जा रहा था.
एक आरोपित भागने में सफल
डीडीसी ने तुरंत सदर एसडीओ धनंजय कुमार व तिलकामांझी थानाध्यक्ष काे फोन कर बुलाया. दोनों को मौके से ही गिरफ्तार कर लिया. इस दौरान राजेंद्र की जेब से पुलिस ने 15200 रु नकद जब्त किया, जबकि एक आरोपित भागने में सफल रहा. डीडीसी ने बताया कि वह खुद आम आदमी बनकर कार्यालय पहुंचे और मामले की तफ्तीश की.
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