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बिरौल। एक निजी फाइनेंस कंपनी से ऋण लेकर किस्त भुगतान करने से असमर्थ एक मां ने तीन बच्चों के साथ कीटनाशक दवा खा लिया. ग्रामीणों के सहयोग से सभी को इलाज के लिए सीएचसी में भर्ती किया गया. वहां स्थिति नाजुक देख चिकित्सकों ने सभी को डीएमसीएच रेफर कर दिया. इसमें बलाट गांव निवासी गूंजे चौपाल की पत्नी फूलदाय देवी (30), आठ वर्षीया पुत्री शिवानी कुमारी, छह वर्षीया पुत्री आशा कुमारी व दो वर्षीय पुत्र जय किशुन चौपाल शामिल हैं.
ग्रामीणों के अनुसार, घटना लगभग सुबह नौ बजे की है. गूंजे चौपाल मजदूरी के लिए कहीं गया था. घर में सिर्फ मां व तीन बच्चे थे. पहले मां ने जहरीली कीटनाशक दवा पी ली. इसके बाद बारी-बारी से पुत्रियों व पुत्र को पिला दिया. बगल के ग्रामीणों को जैसे ही एक साथ सभी के जहर पीने की जानकारी मिली, आनन-फानन में सभी को इलाज के लिए सीएचसी में भर्ती कराया.
बताया जाता है कि घर ही आर्थिक स्थिति काफी दयनीय होने के कारण महिला ने रोजगार करने के लिए एक निजी फाइनेंस कंपनी से ऋण ले रखा है. इसके एवज में उसे प्रत्येक सप्ताह किस्त भरनी है. रविवार को किस्त की राशि नहीं रहने से परेशान महिला ने इस तरह की घटना को अंजाम दिया.
बता दें कि अनुमंडल क्षेत्र में कई ऐसी निजी फाइनेंस कंपनियां हैं, जो रोजगार के लिए महिला समूह बनाकर उन्हें ऋण देती हैं. कंपनी द्वारा किस्त तय की जाती है, जिस किस्त का भुगतान साप्ताहिक करना होता है. कंपनी की ओर से कार्यरत कर्मी किस्त की राशि वसूली करने आते हैं. कंपनी द्वारा पहले ही शर्तनामा भरा लिया जाता है कि किस्त की अदायगी नहीं करने पर कंपनी उसके घर का सामान, चापाकल, पंखा या अन्य सामग्री खोलकर ले जा सकती है. इसी दबाव में किस्त भरने से असमर्थ महिला ने तीन बच्चों के साथ जहरीली दवा पी ली. इस घटना से ग्रामीण हतप्रभ हैं. चिकित्सक के अनुसार दोनों बच्चियों की हालत काफी नाजुक है.
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