बिहार की राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ इलाके में पुलिस ने एक आतंकवादी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है. इस मामले में फुलवारी शरीफ के एएसपी मनीष कुमार ने कहा कि पटना में हमें पिछले 15 दिन से इलाके में कुछ अवैध गतिविधियों के बारे में जानकारी मिल रही थी. इस पर हमने तकनीकी रूप से और स्थानीय स्रोतों के माध्यम से जांच कराई.
इसमें पता चला कि सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की आड़ में लोगों को कट्टरपंथी बनाया जा रहा था. मार्शल आर्ट सिखाने के बहाने हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही थी.
एजेंसी के अनुसार, एसएसपी मनीष कुमार ने बताया कि देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त दो लोगों को गिरफ्तार किया गया. बाद में तीन और लोगों को अरेस्ट किया गया. पिछले दो महीने से आरोपियों के पास दूसरे राज्यों के लोग आ रहे थे. आने वाले लोग टिकट और होटलों में बुकिंग नाम बदलकर करते थे.
बता दें कि पटना टेरर मॉड्यूल केस में अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जो एक खास समुदाय के लोगों को प्रशिक्षित कर रहे थे. इसके बाद इस पूरे मामले की जांच एनआईए ने भी शुरू कर दी है.
'भारत को 2047 तक इस्लामिक मुल्क बनाने का जिक्र'
इससे पहले पटना पुलिस ने फुलवाशरीफ से अतहर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन को गिरफ्तार किया था. मोहम्मद जलालुद्दीन झारखंड पुलिस का रिटायर्ड दरोगा है, जबकि अतहर परवेज पटना के गांधी मैदान में हुए बम धमाके का आरोपी मंजर का सगा भाई है. दोनों के तार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) से जुड़े हैं.
पुलिस ने इन दोनों के पास से पीएफआई का झंडा, बुकलेट, पंपलेट और कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए हैं. जिसमें भारत को 2047 तक इस्लामिक मुल्क बनाने का जिक्र किया गया है.
इसके बाद मरगूब दानिश, अरमान मलिक और शब्बीर आलम को अरेस्ट किया गया. पटना पुलिस का दावा है कि खास समुदाय के लड़कों का ब्रेनवॉश करने के बाद उन्हें प्रशिक्षण सिमी का सदस्य अतहर परवेज दे रहा था. अतहर परवेज का भाई मंजर आलम पटना के गांधी मैदान में साल 2013 में पीएम मोदी की हुंकार रैली और बोध गया में हुए बम धमाकों के बाद गिरफ्तार हुआ था. वो फिलहाल जेल में है.
16 हजार के किराए पर ले रखा था फ्लैट
बिहार पुलिस का कहना है कि पटना के फुलवारी शरीफ इलाके में आतंक की पाठशाला चल रही थी. अतहर परवेज मार्शल आर्ट और शारीरिक शिक्षा देने के नाम पर मोहम्मद जलालुद्दीन का एनजीओ चला रहा था. अतहर ने 16 हजार रुपए के किराए पर मोहम्मद जलालुद्दीन के फुलवारी शरीफ स्थित अहमद पैलेस, नया टोला इलाके में फ्लैट लिया था, जहां से वह देश विरोधी मुहिम चला रहा था. इन उद्देश्य हिंदुओं के खिलाफ मुस्लिमों को भड़काना था.
IB को मिली थी संभावित आतंकी मॉड्यूल की जानकारी
आइबी को इसकी जानकारी मिली थी कि पटना के फुलवारी शरीफ इलाके में एक संभावित आतंकी मॉड्यूल संचालित हो रहा है. इसके बाद 11 जुलाई को नया टोला इलाके में पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों ने छापा मारकर भंडाफोड़ किया. पुलिस के अनुसार, फुलवारी शरीफ में अधिकतर युवा केरल, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और अन्य कई राज्यों से आते थे. संदिग्ध आतंकवादियों को पाकिस्तान, बांग्लादेश और तुर्की समेत कई इस्लामिक देशों से पैसों की फंडिंग होती थी.
पुलिस के अनुसार, इनके निशाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बिहार दौरा था, जिस पर वह 12 जुलाई को बिहार की राजधानी पटना पहुंचे थे. इसी साजिश के तहत प्रधानमंत्री के दौरे से 15 दिन पहले बिहार के फुलवारी शरीफ में संदिग्ध आतंकियों की ट्रेनिंग भी शुरू कर दी गई थी. वहीं पर छापा मारकर संदिग्धों को पकड़ा गया.