x
जनता से रिश्ता : न्यायमूर्ति संजीव प्रकाश शर्मा की एकलपीठ ने उमेश कुमार सुमन व अन्य द्वारा दायर रिट याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। वैशाली के इन प्रखंड शिक्षकों से लगातार चार साल से काम लिया जा रहा है। कोर्ट को बताया गया कि वर्ष 2008 के शिक्षक नियोजन की रिक्तियों के आलोक में जिला शिक्षक प्राधिकार के आदेश पर 2018 में इन शिक्षकों की नियुक्ति प्रखंड शिक्षक के पद पर की गई थी। नियुक्ति के बाद इन तमाम शिक्षकों से लगातार काम भी लिया जाता रहा, लेकिन जब भी वेतन भुगतान की बारी आई, तो शिक्षा विभाग ने उनकी अहर्ता पर सवाल उठाते हुए वेतन पर रोक लगाए रखा।
कोर्ट को बताया गया कि हाईकोर्ट ने पिछले साल नवंबर में ही शिक्षा विभाग को आदेश दिया था कि नियुक्ति होने के बाद वेतन पर अहर्ता को लेकर रोक लगाना अनुचित है। अहर्ता पर सवाल उठाने की बजाए शिक्षकों को सेवा के दौरान ही अपनी अहर्ता को अपग्रेड करने का मौका देना चाहिए। इस दिशा में भी हाईकोर्ट ने विभाग को ठोस कदम उठाने का भी निर्देश दिया था। छह महीने बीतने के बाद भी विभाग की तरफ से न ही कोई ठोस उपाय निकाले गए और न ही शिक्षकों को वेतन का भुगतान ही किया गया। मामले पर अगली सुनवाई 11 जुलाई को की जाएगी।
सोर्स-hindustan
Admin2
Next Story