बिहार

बिहार में स्कूली शिक्षकों की भर्ती व्यवस्था में राज्य सरकार के बदलाव करते ही सदन से लेकर सड़क तक हंगामा

Tara Tandi
11 July 2023 2:04 PM GMT
बिहार में स्कूली शिक्षकों की भर्ती व्यवस्था में राज्य सरकार के बदलाव करते ही सदन से लेकर सड़क तक हंगामा
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बिहार में स्कूली शिक्षकों की भर्ती व्यवस्था में राज्य सरकार के बदलाव करते ही सदन से लेकर सड़क तक हंगामा खड़ा हो गया. नियमावली लागू करने के बाद इसमें डोमिसाइल को लेकर किए गए संशोधन ने पूरे मामले में आग में घी का काम किया. इसके बाद शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का बयान आया कि विज्ञान और गणित में बिहार के छात्र कमजोर हैं. इस बयान ने तो जलती आग में घी के साथ पेट्रोल भी मिला दिया. जिसके बाद शिक्षक आर-पार के मूड में आ गए. बीपीएससी टीचर भर्ती नियमावली के विरोध और संविदा टीचरों को राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग को लेकर हजारों की संख्या में राज्यभर के टीचर पटना के गर्दनीबाग पहुंच गए और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
सीएम नई शिक्षक नियमावली पर करेंगे समीक्षा
इसी बीच खबर आई कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नई शिक्षक नियमावली की समीक्षा करेंगे. सीएम नीतीश कुमार खुद शिक्षक प्रतिनिधियों से बात करेंगे, जिसके बाद पटना में शिक्षक अभ्यर्थियों ने अपना आंदोलन खत्म कर दिया है. सड़क पर छात्र उतरे हो, राजनीति ना हो, ये हो नहीं सकता. सरकार जहां डैमेज कंट्रोल में जुटी है, वहीं बीजेपी हमलावर है. जहां अभ्यर्थी सड़क पर प्रदर्शन कर रहे थे. विधान परिषद में भी शिक्षक नियुक्ति को लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया.
सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई. बीजेपी ने सभापति को एमएलसी शिक्षक के बारे में जानकारी देना शुरू किया. इस दौरान बीजेपी सदस्यों ने आरोप लगाया कि बिहार में एमरजेंसी जैसे हालात हो गए हैं. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने बिहार सरकार पर जमकर निशाना साधा. वहीं, जदयू एमएलसी संजीव कुमार भी शिक्षकों का समर्थन कर रहे हैं, जबकि कांग्रेस ने बीजेपी पर पलटवार किया है.
प्रदर्शन कर रहे शिक्षक अभ्यर्थियों की मांग-
शिक्षकों को समान काम का समान वेतन
पुरानी पेंशन योजना लागू और राज्य कर्मी का दर्जा
बिहार में फिर से पुरानी डोमिसाइल नीति लागू करें
संविदा शिक्षकों को बिना किसी शर्त बिना किसी परीक्षा के राज्य कर्मी का दर्जा मिले
सरकार से मिले आश्वासन के बाद शिक्षक अभ्यर्थियों ने अपना प्रदर्शन खत्म कर दिया है. अभ्यर्थियों को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री खुद बात करेंगे तो उनकी समस्याओं का समाधान हो सकता है. लेकिन देखने वाली बात ये होगी क्या सीएम नीतीश कुमार अभ्यर्थियों को उम्मीदों पर खड़े उतरेंगे.
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