बिहार
कलश शोभायात्रा के साथ दो दिवसीय नवचेतना जागरण गायत्री महायज्ञ शुरू
Shantanu Roy
7 Nov 2022 5:58 PM GMT
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बेगूसराय। भव्य कलश यात्रा के साथ सोमवार से मालीपुर मां काली मंदिर के प्रांगण में दो दिवसीय नौ कुंडीय नवचेतना जागरण गायत्री महायज्ञ शुरू हो गया। महायज्ञ को लेकर 301 कन्याओं ने यज्ञ स्थल से कलश शोभायात्रा निकाली तथा पूरे पंचायत का भ्रमण कर शोभायात्रा का समापन यज्ञ स्थल पर किया गया। मुख्य रूप से इस यज्ञ का आयोजन आगामी दिसम्बर में जिला मुख्यालय में होने वाले 108 कुंडीय यज्ञ में इनकी भागीदारी सुनिश्चित करना, कार्यकर्ता को तैयार करना, जनजागृति फैलाना तथा गायत्री परिवार के विचारों को जन-जन तक फैलाना और सद्बुद्धि का विस्तार कर धरती पर स्वर्ग का अवतरण करना है।
यज्ञ में मुख्य रूप से गायत्री परिवार के परिजन सहित युवा कार्यकर्ता के निभा रहे हैं। मंगलवार की शाम दीप यज्ञ एवं प्रसाद वितरण के साथ समापन होगा। परिजनों ने कहा कि गायत्री उपासना सनातन है, चारों वेद गायत्री अराधना का प्रतिपादन करते है, संध्याकाल में बह्यादिक भी उनका ध्यान सहित जप करते है। तभी तो देव संस्कृति के दो निर्माता यज्ञ पिता- गायत्री माता हैं, जहां गायत्री सदचिंतन प्रदान करती है, वहीं यज्ञ सत्कर्म सिखाता है। गायत्री एवं यज्ञ को 21वीं सदी की संजीवनी है। युगऋषि, वेदमूर्ति, तपोनिष्ठ पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य के द्वारा दुर्लभ गायत्री महाविद्या सर्वसुलभ बनी, दुर्गम यज्ञीय विधि-विधान सुगम बना। इस अभियान को गायत्री परिवार ने युगनिर्माण आंदोलन के माध्यम से जनप्रिय और सफल बनाया गया। इससे लोकमानस की सफाई और व्यक्तिगत अंतः करण की शुद्धि होती है, साथ ही दीर्घ जीवन, प्राणशक्ति, सुतंत्ति, धन, कीर्ति, धन-वैभव और ब्रह्मतेज की प्राप्ति होती है। इसी करण नवचेतना जागरण गायत्री महायज्ञ के साथ हमारे युवा पीढ़ी की नई दिशा नई प्रेरणा देने धरती पर पधार रहे हैं।
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