बिहार

स्थाई कुलपति की मांग को लेकर विश्वविद्यालय में किया गया तालाबंदी

Rani Sahu
18 July 2022 1:25 PM GMT
स्थाई कुलपति की मांग को लेकर विश्वविद्यालय में किया गया तालाबंदी
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तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों के साथ साथ विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में सोमवार से बिहार राज्य विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय कर्मचारी महासंघ एवं छात्र राष्ट्रीय जनता दल द्वारा अनिश्चितकालीन तालाबंदी आंदोलन की शुरुआत कर दी गई है

भागलपुर,। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों के साथ साथ विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में सोमवार से बिहार राज्य विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय कर्मचारी महासंघ एवं छात्र राष्ट्रीय जनता दल द्वारा अनिश्चितकालीन तालाबंदी आंदोलन की शुरुआत कर दी गई है। एक तरफ जहां बिहार राज्य विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय कर्मचारी शिक्षक संघ ने धरना प्रदर्शन किया तो वहीं दूसरी ओर युवा राजद के कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय एवं कॉलेजों में तालाबंदी कर विरोध प्रदर्शन किया।

उनलोगों की मांग है कि तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में स्थाई कुलपति जल्द से जल्द बहाल की जाए। स्थाई कुलपति नहीं रहने के चलते यहां के छात्र, शिक्षक और कर्मचारी परेशान हैं। वहीं डिग्री बनकर तैयार है परंतु सारी डिग्रियां धूल फांक रही हैं। कई छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं में उत्तीर्ण होने के बाद नौकरियों के लिए सर्टिफिकेट की जरूरत उन्हें पड़ रही है। परंतु सर्टिफिकेट पर सिग्नेचर नहीं होने के चलते वह निराश हो रहे हैं। यह छात्रों के साथ कहीं से सही नहीं हो रहा है। आज हर कॉलेजों में तालाबंदी कर दी गई है। इस आंदोलन के चलते कई परीक्षाओं को भी रद्द किया गया।
पूर्व विश्वविद्यालय प्रतिनिधि सह युवा राजद के प्रवक्ता ने कहा कि हम लोगों की मांगे जब तक नहीं मानी जाएगी तब तक यह आंदोलन चलता रहेगा और विश्वविद्यालय में तालाबंदी रहेगी। बिहार राज्य विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय कर्मचारी संघ के ओम प्रकाश झा ने कहा कि विश्वविद्यालय जिस ऊंचाई पर था उतने ही गर्त में जा रहा है। उसका सिर्फ और सिर्फ कारण विश्वविद्यालय में स्थाई कुलपति नहीं रहना है। इसलिए स्थाई कुलपति जल्द से जल्द बहाल हो और विश्वविद्यालय की गतिविधियों को फिर से सुचारू रूप से स्वस्थ रूप से बहाल किया जाए। अन्यथा विश्वविद्यालय प्रशासन हो, राज्यपाल हो या मुख्यमंत्री हो हमारी जब तक मांगें नहीं मानी जाएगी तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।


Rani Sahu

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