उत्तरप्रदेश के सुल्तानपुर सांसद मेनका गांधी के खिलाफ मुजफ्फरपुर जिला मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में एक मुकदमा दर्ज कराया गया है. परिवादी का आरोप है कि सांसद मेनाका गांधी ने उन्हें फोन कर अशोभनीय शब्दों को प्रयोग किया और नेतागिरी छोड़ने की नसीहत दी. मुकदमे को मुजफ्फरपुर के एक अधिवक्ता ने दर्ज कराई है. खास बात यह है कि जिला कोर्ट ने परिवादी की अर्जी को स्वीकार कर लिया है और अब इस मामले की अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी.
क्या है मामला?
सांसद मेनका गांधी के खिलाफ अधिवक्ता सुशील कुमार सिंह ने परिवाद दायर करवाया है. परिवाद दायर कराने वाले अधिवक्ता सुशील सिंह की पत्नी नगर निगम की प्रत्याशी हैं. दरअसल, अधिवक्ता ने अपने घोषणा पत्र में शहर को आवारा कुत्ते के आतंक से मुक्त करने की घोषणा की थी. जिसके लेकर अधिवक्ता और उनकी प्रत्याशी पत्नी ने शहर के कुछ आवारा कुत्तों को पकड़कर उसे शहर से बाहर जाकर छोड़ दिया. जिसकी तस्वीरें उनके प्रतिद्वंद्वी ने मेनका गांधी को भेज दी. जिसपर सांसद नाराज हो गयीं.
इन धाराओं में दर्ज कराया गया मामला
परिवादी अधिवक्ता सुशील सिंह ने सांसद मेनका गांधी के खिलाफ IPC की धारा 500, 504 और 506 की धारा के तहत मामला को दर्ज कराया है. मामले की अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी.
आवारा पशुओं के हित में संस्था चलाती है मेनका गांधी
बता दें कि सांसद मेनका गांधी आवारा पशुओं के हित में एक संस्था चलाती है. इससे पहले बीते साल भी पशु प्रेम के चलते सांसद मेनका गांधी मीडिया की सुर्खियों में बनी हुई थी. बीते साल वेटनरी के डॉक्टरों के साथ कथित बदसलूकी का उनका दो ऑडियो वायरल हुआ था. वायरल ऑडियो में सांसद मेनका गांधी वेटरनरी के डॉक्टरों से उनकी डिग्री के बारे में भी पूछती हैं, सस्पेंड करने की बात करती हैं, क्लिनिक बंद करा देने और कंज्यूमर कोर्ट के माध्यम से सजा दिलाने की भी बात कह रही थी. ऑडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर जमकर हो-हंगामा मचा था.