नोएडा. हरियाणा (Haryana) मार्का शराब की बिहार (Bihar) में तस्करी की जा रही है. कभी ट्रक तो कभी कैंटर में भरकर शराब बिहार के अलग-अलग जिलों में पहुंचाई जा रही है. अवैध शराब (Illegal liquor) से भरी एक ही गाड़ी को कई ड्राइवर रूट के हिसाब से ठिकाने तक पहुंचा रहे हैं. ऐसे ही एक गाड़ी मंगलवार को यमुना एक्सप्रेसवे (Yamuna Expressway) पर पकड़ी गई है. ग्लूकोज, सॉस और पानी के डिब्बों में भरकर शराब को बिहार भेजा जा रहा था. जेवर पुलिस (Jewar Polce) की जांच में इसका खुलासा हुआ है. एक ही सामान और एक रूट के दो बिल से शराब तस्करी (Wine Smuggling) का खुलासा हुआ है.
यमुना एक्सप्रेसवे पर ऐसे जा रही थी शराब
मंगलवार को जेवर कोतवाली पुलिस यमुना एक्सप्रेसवे पर चेकिंग कर रही थी. इसी दौरान उसे एक कैंटर आता हुआ दिखाई दिया. जेवर टोला प्लाजा से आगे शिवा ढाबा के पास जांच के लिए कैंटर को रोक लिया गया. ड्राइवर से जब सामान का बिल मांगा गया तो उसने ई-वे बिल दिखा दिया. बिल में सामान के नाम पर पानी की बोतलें, सॉस और ग्लूकोज के डिब्बे दिखाए गए थे. पुलिस ने सामान को चेक किया तो कैंटर में आगे की ओर पानी की बोतलें तो उसके पीछे सॉस और ग्लूकोज के डिब्बे लदे हुए थे.
बिल के ऊपर दिल्ली से वाराणसी लिखा हुआ था. जब पुलिस कैंटर की तलाशी ले रही थी तो उसे एक और ई-वे बिल मिला. इस बिल पर वाराणसी से समस्तीपुर, बिहार लिखा हुआ था. कैंटर को राजस्थान निवासी रिन्कू चला रहा था. इस पर जेवर पुलिस ने कैंटर में लदे सामान की तलाशी लेनी शुरू कर दी. जब तलाशी ली गई तो कैंटर में लदे ग्लूकोज और सॉस के डिब्बों में शराब मिली.
जेवर पुलिस के मुताबिक शराब का कैंटर चरखी, दादरी से चला था. इस पर लगी नंबर प्लेट भी फर्जी थी. कैंटर को राजस्थान का रहने वाला रिन्कू चला रहा था. कैंटर में से अवैध शराब के 70 पेटी हाफ और 30 पेटी पव्वे नाइट ब्लू मैट्रो अंग्रेजी शराब हरियाणा मार्का बरामद की गई है. 100 पेटी शराब की कीमत 2 लाख रुपये बताई जा रही है. बरामद की गई शराब भिवानी, हरियाणा निवासी गजेन्द्र सिंह की बताई जा रही है. ड्राइवर का कहना है कि गजेन्द्र सिंह के साथ उसका एक पार्टनर भी शामिल है. जेवर पुलिस ड्राइवर से मिली सूचना के आधार पर जांच कर रही है. कैंटर और शराब मालिक को पकड़ने की तैयारी चल रही हैं.
जानकारों की मानें तो हरियाणा से चली शराब की एक बोतल जिसकी कीमत 600 से 700 रुपये होती है वो बिहार और गुजरात पहुंचकर दो हजार रुपये तक की बिक जाती है. लेकिन इस दौरान अवैध शराब से भरी गाड़ी चला रहे ड्राइवर को यह नहीं पता होता है कि बिहार और गुजरात में शराब किसके हवाले करनी है.