बिहार
सड़क मार्ग के बीच रेल गुमटी पर दीवार खड़ी करने को लेकर स्थानीय नागरिक हुए आक्रोशित
Shantanu Roy
25 Sep 2022 6:08 PM GMT
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बड़ी खबर
मोतिहारी। मोतिहारी मुजफ्फरपुर रेलखंड पर रेलवे के द्वारा रेल गुमटी संख्या 151सी को बंद कर पक्के दीवाल जोड़े जाने के विरोध में क्षेत्र के दर्जनों गांवों के लोगों ने आज जमकर प्रदर्शन किया।साथ ही दीवाल खड़े करने के लिए खोदे गये गढ्ढे को भी बंद कर दिया।सूचना के बाद मौके पर पहुंचे आरपीएफ के अधिकारियों व जवानों के साथ स्थानीय थाना पुलिस ने आक्रोशित लोगों को समझा बुझाकर शांत कराया। स्थानीय लोगों ने बताया कि दर्जनो गांवो को जोड़ने वाली इस मार्ग को रेलवे द्धारा स्थायी रूप से बंद किया जा रहा है।जिससे दर्जनों गांवों के लोगों के हजारों लोगो के सामने आवागमन को लेकर भारी परेशानी उत्पन्न हो गई है।लोगों ने बताया कि पहले फ्लाई ओवर जब नहीं था तब से ही उक्त रेलवे गुमटी पर गेट मैन था और लोगों सहित पीपराकोठी दिल्ली मार्ग की वाहन सहित स्थानीय लोगों के आवागमन का मार्ग था परंतु जब फ्लाई ओवर ब्रिज बन गया तो नीचे से सर्विस लेन बना दिया गया। इधर कुछ दिन पूर्व रेलवे विभाग द्वारा सड़क को बंद करने के लिए जेसीबी से खुदाई करने का प्रयास किया जा रहा है।जिसका विरोध करने के बाद कार्य को बंद कर दिया गया। परन्तु फिर गत मध्य रात्रि से पुनः रेलवे के संवेदक के द्वारा जेसीबी मशीन लगाकर दीवाल जोड़ने की कवायद शुरू कर दी गई है।
लोगो ने बताया कि इस क्रम में जेसीबी के द्वारा आनन फानन में केबल को भी काट दिया गया है। वही सुबह लोग आक्रोशित होकर रेल ट्रैक को जाम करने का भी प्रयास किया गया।गए। रेल पुलिस के अधिकारी ने आक्रोशित लोगो को समझा कर स्थिति को नियंत्रण में किया।अधिकारियो ने कहा कि इस मार्ग को स्थायी रूप से बंद करने का आदेश रेलवे विभाग के बड़े अधिकारियों का है। ऐसे में इसके समाधान के लिए आप सब उच्चाधिकारियों से संपर्क करे। उल्लेखनीय है कि इस मार्ग से क्षेत्र के फुलवरिया, रतनपुर, मठबनवारी, बरवा, तिवारी टोला, अशोक पकड़ी, कंठ छपरा आदि करीब दर्जन भर गांवों के लोगों के अलावा स्कूली बच्चों व बंगरी रेलवे स्टेशन से उतर कर जाने वाले लोगों का एक मात्र रास्ता है।इस रास्ते के बंद हो जाने के वजह से लोगों को लंबी दूरी तय कर राजमार्ग 28 के रास्ते पीपराकोठी, मोतिहारी व अन्य स्थानों पर जाना होगा। एनएच पर भी सड़क पार करने के लिए स्थान नहीं है। जिसके वजह से लोग विपरीत लेन में अगर जाते हैं तो दुर्घटना की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता।फिलहाल इसको लेकर मामला शांत है लेकिन देर सवेर स्थानीय लोग आंदोलन की राह पकड़ सकते है।
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