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मुजफ्फरपुर। बिहार के मुजफ्फरपुर की जिला अदालत में बुधवार को एक अधिवक्ता रिवॉल्वर लेकर पहुंच गया। हालांकि, यह रिवॉल्वर लाइसेंसी थी, किन्तु कोर्ट रूम में इसे लेकर नहीं जा सकते। इसलिए जैसे ही जज की नजर अधिवक्ता के हथियार पर पड़ी तो उन्होंने सुरक्षा गार्डों को रिवॉल्वर बरामद करने तथा अधिवक्ता को गिरफ्तार करने का आदेश दे दिया। पुलिस के मुताबिक, यह घटना बुधवार को अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश डीके प्रधान के कक्ष में हुई। एक मामले की सुनवाई के चलते जज ने देखा कि अधिवक्ता पंकज कुमार दास के पास हथियार है। इस पर उन्होंने तत्काल सुरक्षा गार्डों से कहा कि वे वकील दास का हथियार अपने कब्जे में लें तथा उन्हें गिरफ्त में लेकर पुलिस को सौंपे। वही जज के आदेश पर पुलिस बुलाकर अधिवक्ता को उसे सौंप दिया गया।
थाना प्रभारी राम सिंह ने कहा कि अधिवक्ता के खिलाफ शस्त्र अधिनियम की संबंधित धाराओं तथा आईपीसी की धारा 186 (लोक सेवक को सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में बाधा डालना) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। बाद में वकील दास को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जिन्होंने उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। तत्पश्चात, अधिवक्ताओं के एक समूह ने जज डीके प्रधान से वकील दास को माफ करने का आग्रह किया। किन्तु, एक अधिवक्ता ने कहा कि जज ने उनसे कहा कि इस मामले में कुछ नहीं किया जा सकता। मुजफ्फरपुर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राम कृष्ण ठाकुर ने कहा कि हम पहले ही जज के समक्ष अधिवक्ता की गिरफ्तारी के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करा चुके हैं। उन्होंने कहा कि बार एसो. ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए मीटिंग बुलाई है। हम सोमवार को आगे की कार्रवाई के बारे में फैसला करेंगे। दूसरी तरफ गिरफ्तार अधिवक्ता दास ने कोर्ट में एक आवेदन दायर कर दावा किया कि उसे षड्यंत्र का शिकार बनाया गया।
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