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बिहार | सदर अस्पताल के महिला वार्ड में इलाजरत 70 वर्षीय महिला अख्तरी बेगम की की रात इलाज के दौरान मौत हो गई. जिसके बाद परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा किया.
परिजनों के हंगामा की सूचना मिलने पर अस्पताल प्रबंधक मनीष कुमार रात करीब 10 बजे अस्पताल पहुंचे और परिजनों से मामले की जानकारी ली. तत्पश्चात परिजनों को समझा बुझा कर शांत कराया. इसके बाद मृतका के शव तथा परिजनों को एम्बुलेंस की सहायता से हवेली खड़गपुर भेज दिया गया. इस संबंध में अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. रमण कुमार ने बताया कि मामले की जानकारी मिली है, जांच कराई जाएगी. जांच में अगर लापरवाही सामने आती है तो उसके विरूद्ध कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी.
दरअसल, हवेली खड़गपुर के रौशन टोला निवासी मो. सरफुद्दीन की पत्नी 70 वर्षीय अख्तरी बेगम को पेट दर्द की शिकायत थी. जिसे खड़गपुर पीएचसी से रेफर किए जाने पर परिजन की रात करीब 8 बजे लेकर सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड पहुंचे थे. महिला का पेट काफी फूला हुआ था. इमरजेंसी वार्ड में डॉ. कन्हैया कुमार द्वारा महिला की जांच के बाद आवश्यक दवा व स्लाइन प्रेसक्राइव कर महिला वार्ड में एडमिट कर दिया गया. रात करीब 9 बजे अचानक महिला की तबियत ज्यादा बिगड़ गई. इसके बाद जब परिजन नर्स को बुलाया लेकिन ड्यूटी रूम में तैनात नर्स ने कोई सुध नहीं ली. इसके बाद परिजनों ने चिकित्सक को बुलाया. सूचना पर पहुंचे डॉक्टर ने अजय कुमार ने रात 9.35 बजे महिला को मृत घोषित कर दिया. इसके बाद परिजन नर्स पर लापरवाही का आरोप लगा कर हो हंगामा करने लगे. परिजनों ने आरोप लगाया कि घंटा भर मरीज के भर्ती रहने और बुलाने के बाद भी नर्स एक बार भी नर्स देखने तक नहीं पहुंची. परिजनों के हो हल्ला अफरातफरी मची रही.
मरीज की मौत के बाद परिजनों द्वारा डाक्टर एवं नर्स पर लापरवाही का आरोप लगाया गया है. मामले की जांच करायी जाएगी. आरोप सही होने पर कार्रवाई की जाएगी. - डॉ. रमण कुमार अस्पताल उपाधीक्षक, सदर अस्पताल, मुंगेर.
अस्पताल में रात में तैनात थी दो नर्स
हंगामा की जानकारी मिलने पर अस्पताल प्रबंधक मनीष कुमार रात करीब 10 बजे महिला वार्ड पहुंचे और मृतका के परिजनों से जानकारी ली. परिजनों का कहना था कि वार्ड में मरीज एक घंटा से अधिक समय से भर्ती थी, लेकिन एक बार भी नर्स देखने नहीं पहुंची. जब नर्स को स्लाइन लगाने बोले तो नर्स ने यह कहते हुए स्लाइन नहीं लगाया कि स्लाइन लगाना उसका काम नहीं है. डाक्टर भी मरीज को नहीं देखे. जब तबियत बिगड़ने लगी और वे लोग नर्स को बुलाने गए तब नर्स ने कोई सुध नहीं लिया. हालांकि इस संबंध में मृतका के परिजनों द्वारा किसी तरह का लिखित आवेदन नहीं दिया गया है.
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Harrison
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