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पटना। बिहार में 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीति हलचल तेज हो गयी है।गठबंधन की सरकार बनने के बाद अब बिहार में केंद्रीय राजनीति पर बहस तेज है। एक ओर गृहमंत्री सितंबर माह में दो दो दिवसीय प्रवास पर बिहार आ रहे हैं तो दूसरी ओर दक्षिण भारत के कद्दावर नेता और तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर बुधवार को पटना आयेंगे। 31 अगस्त को तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर पटना आएंगे। पटना पहुंचने के बाद वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से मुलाकात करेंगे। वो लालू प्रसाद से भी बात करेंगे।
बिहार दौरे पर आ रहे अमित शाह जहां 40 में से बिहार की 35 सीटों पर कब्जा बनाये रखने की रणनीति का खुलासा करेंगे, वहीं विपक्ष 2024 में मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल करने की रणनीति तैयार करेगा। बुधवार की बैठक के बाद इस बात को लेकर भी तस्वीर थोड़ी साफ होने की उम्मीद है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार की भूमिका क्या होगी। तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर लंबे समय से विपक्षी एकता के लिए प्रयास कर रहे हैं। इससे पहले केसीआर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल व एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात कर चुके है। ऐसे में माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल रंग लाने लगी है।
केंद्र की सत्ता से भाजपा को बेदखल करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरे देश में विपक्ष के नेताओं को एकजुट करने में लग गए है। पिछले दिनों उनकी कई नेताओं से फोन पर बातचीत भी हुई थी। भाजपा के खिलाफ विपक्षी दल को एकजुट करने के मिशन में सीएम नीतीश को पहली कामयाबी हाथ लगी है। हालांकि, सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक तेलंगाना के सीएम चंद्रशेखर राव पटना आने का मुख्य उद्देश्य बीते दिन बिहारी मजदूरों की मौत के सिलसिले में उन्हें मुआवजा देना है न कि 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी।
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