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बिहार शहर में ऑनलाइन खरीदारी से लेकर अब जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका मोबाइल लेकर चलने की सोच रहे हैं तो सावधान हो जाएं. उसमें भी यदि महंगा मोबाइल साथ में है तो जान का भी खतरा अलग से. नगर थाना क्षेत्र के शहरी इलाकों में आप कभी मोबाइल लिफ्टर गिरोह का शिकार हो सकते हैं. नगर थाना क्षेत्र के कचहरी रोड तिलकनगर निवासी ओमनाथा गोस्वामी का पुत्र अंशुमन गायकबाड़ नगर थाना पहुंचकर मोबाइल छिनतई की प्राथमिकी के लिए आवेदन दिया तो पुलिस ने उसे उल्टे ही खड़ी-खड़ी सुना दी. पुलिस ने ऐसा समा बंधा कि अंशुमन को सनहा दर्ज कराने के लिए मजबूर होना पड़ गया. अंशुमन अकेला पीड़ित नहीं है जिसका मोबाइल शहर में मोबाइल लिफ्टर के द्वारा छिनतई किया गया हो व छिनतई की एफआईआर के बदले खो जाने का सनहा दर्ज करने के लिए मजबूर किया गया हो. पुलिस की यह कार्यशैली साफ इशारा कर रहा है कि नगर थाने की पुलिस मोबाइल लिफ्टर गिरोह से सांठगांठ है. शहरवासियों का कहना है कि यदि मोबाइल लिफ्ट की एफआईआर हो व उचक्के की गिरफ्तारी हो तो शहर में मोबाइल छिनतई की घटना में कमी आ सकती है. पीड़ित अंशुमन गायकबाड़ हिन्दुस्तान कार्यालय पहुंचकर अपनी आपबीती सुनाई व पहले वाला व बाद वाला आवेदन दिखाया. पीड़ित ने बताया कि 14 अक्टूबर को करीब 10.30 बजे रात में घर लौट रहा था. घर लौटने के दौरान वह मोबाइल से बात करते हुए जा रहा था. उसी दौरान बाइक पर सवार उचक्के आये व मेरा मोबाइल फोन छीनकर व मुझे धक्का देकर गिराकर ट्रैपिक चौक से पोखरिया की ओर भाग निकला. अत निवेदन है कि छिनतई के मामले में प्राथमिकी दर्ज कर उचित कानूनी कार्रवाई करें.
नगर थाना के सरकारी मोबाइल नंबर पर थानाध्यक्ष से उनका पक्ष जानने के लिए शाम 5.41 पर कई बार संपर्क किया. मोबाइल की घंटी बजती रही, लेकिन थानाध्यक्ष ने फोन रिसिव नहीं किया.
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