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पटना, (आईएएनएस)| बिहार सरकार अब स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति कम होने की लेकर कार्रवाई करने की योजना बना रही है। इसके लिए स्कूल के प्रधानाध्यापक और शिक्षकों की जिम्मेदारी तय की जायेगी। शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मानें तो इस संबंध में पुराने प्रावधान को और सख्त बना दिया गया है। इसके तहत स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति 60 फीसदी से किसी सूरत में कम नहीं होनी चाहिए। यदि मानिटरिंग के दिन स्कूलों में 60 फीसदी से कम बच्चे पाए गए तो प्राचार्य और शिक्षक इसके लिए जिम्मेवार माने जाएंगे।
शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सरकार की सोच अधिक से अधिक छात्रों को न केवल स्कूल पहुंचाने की है बल्कि उनके नियमित स्कूल आने की आदत डालने की भी है।
बताया जा रहा है कि शिक्षक इसके लिए छात्र और छात्राओं के अभिभावकों से व्यक्तिगत रूप से संपर्क करेंगे तथा उन्हें कम से कम 75 फीसदी बच्चों को स्कूल लाना होगा। हालांकि इसके लिए वे विद्यालय शिक्षा समिति या विद्यालय प्रबंधन समिति की सहायता ले सकेंगे।
बताया गया कि इसके लिए न केवल शिक्षक, प्रधानाध्यापक बल्कि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी तक के दायित्व तय किये गये हैं।
इन्हे अब प्रत्येक महीने स्कूलों की जांच कर रिपोर्ट विभाग को देना होगा।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी काम नहीं करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई करने का निर्देश अधिकारियों को दिया था। नीतीश कुमार ने शिक्षा दिवस समारोह के अवसर पर सरकारी विद्यालयों के रियल टाइम मानिटरिंग के लिए बेस्ट प्लस ऐप भी प्रारंभ किया था। जिससे स्कूलों की मॉनिटरिंग का निर्णय लिया गया है।
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