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बस्ती। व्यापारी नेता एवं बस्ती उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के जिलाध्यक्ष आनंद राजपाल के पिता वंशीलाल राजपाल का 98 वर्ष की आयु में आकस्मिक निधन हो गया। उन्होने लखनऊ के लारी हॉस्पिटल में इलाज के दौरान 14 जनवरी की रात में अंतिम सांस लिया। उनका पार्थिव शरीर बस्ती उनके शीरीघाट स्थित आवास पर लाया गया। दूसरे दिन बीआरडी मेडिकल कालेज की टीम ने उनके घर पहुंचकर पार्थिव शरीर अपने सुपुर्दगी में लिया। दरअसल वंशीलाल राजपाल 09 जनवरी 2019 को अपना शरीर दान कर चुके थे। उन्होने एक प्रेसवार्ता में कहा था ''मृत्योपरान्त मानव शरीर उन्ही पांच तत्वों में विलीन हो जाता है जिनसे मिलकर बनता है। मृत्योपरान्त भी शरीर की उपयोगिता हो इससे बेहतर कुछ नही हो सकता''। मरणोपरान्त वंशीलाल राजपाल के स्वजनों ने उनकी अंतिम इच्छा पूरी की और सभी कानूनी औपचारिकतायें पूरी करने के उपरान्त मेडिकल कालेज को उनकी देह सौंप दिया।
उनके सुपुत्र आनंद राजपाल ने कहा पिताजी देहदान के जरिये समाज को एक संदेश देना चाहते थे कि देह दान महादान है। लोग इस दिशा सकारात्मक सोच के साथ आगे आयें तो अनेकों जिंदगियां बंचाई जा सकती है। स्व. राजपाल अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गये हैं। उनके तीन बेटे, एक बेटी हैं। सभी व्यापारी और आत्मनिर्भर हैं। व्यापारी नेता आनंद राजपाल इनमें सबसे बड़े हैं जो एक सफल व्यापारी होने के साथ ही राजनीति में भी रूचि रखते हैं। मरणोपरान्त पार्थिव शरीर जैसे ही उनके आवास खीरीघाट पहुंचा, राजपाल के आवास पर शोक संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता लग गया। लोगों ने कहा आज आधुनिकता की दौड़ में जहां स्वजन अंगदान करने का साहस नही जुटा पाते ऐसे में वंशीलाल राजपाल का देहदान सम्पूर्ण समाजे के लिये अत्यन्त प्रेरणादायक है। मौके पर पहुंचकर शोक संवेदना व्यक्त करने वालों में अनूप अरोरा, अजय चौधरी, दिनेश श्रीवास्तव, रामसजन यादव, सूर्यकुमार शुक्ल, सुनील गुप्ता, संजय अग्रहरि, डीसी दुबे, अंकुर वर्मा, डेजी सरदार, रमेश सिंह, रविन्द्र कश्यप सहित तमाम लोग शामिल रहे।
बस्ती – व्यापारी नेता एवं बस्ती उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के जिलाध्यक्ष आनंद राजपाल के पिता वंशीलाल राजपाल का 98 वर्ष की आयु में आकस्मिक निधन हो गया। उन्होने लखनऊ के लारी हॉस्पिटल में इलाज के दौरान 14 जनवरी की रात में अंतिम सांस लिया। उनका पार्थिव शरीर बस्ती उनके शीरीघाट स्थित आवास पर लाया गया। दूसरे दिन बीआरडी मेडिकल कालेज की टीम ने उनके घर पहुंचकर पार्थिव शरीर अपने सुपुर्दगी में लिया। दरअसल वंशीलाल राजपाल 09 जनवरी 2019 को अपना शरीर दान कर चुके थे। उन्होने एक प्रेसवार्ता में कहा था ''मृत्योपरान्त मानव शरीर उन्ही पांच तत्वों में विलीन हो जाता है जिनसे मिलकर बनता है। मृत्योपरान्त भी शरीर की उपयोगिता हो इससे बेहतर कुछ नही हो सकता''। मरणोपरान्त वंशीलाल राजपाल के स्वजनों ने उनकी अंतिम इच्छा पूरी की और सभी कानूनी औपचारिकतायें पूरी करने के उपरान्त मेडिकल कालेज को उनकी देह सौंप दिया।
उनके सुपुत्र आनंद राजपाल ने कहा पिताजी देहदान के जरिये समाज को एक संदेश देना चाहते थे कि देह दान महादान है। लोग इस दिशा सकारात्मक सोच के साथ आगे आयें तो अनेकों जिंदगियां बंचाई जा सकती है। स्व. राजपाल अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गये हैं। उनके तीन बेटे, एक बेटी हैं। सभी व्यापारी और आत्मनिर्भर हैं। व्यापारी नेता आनंद राजपाल इनमें सबसे बड़े हैं जो एक सफल व्यापारी होने के साथ ही राजनीति में भी रूचि रखते हैं। मरणोपरान्त पार्थिव शरीर जैसे ही उनके आवास खीरीघाट पहुंचा, राजपाल के आवास पर शोक संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता लग गया।लोगों ने कहा आज आधुनिकता की दौड़ में जहां स्वजन अंगदान करने का साहस नही जुटा पाते ऐसे में वंशीलाल राजपाल का देहदान सम्पूर्ण समाजे के लिये अत्यन्त प्रेरणादायक है। मौके पर पहुंचकर शोक संवेदना व्यक्त करने वालों में अनूप अरोरा, अजय चौधरी, दिनेश श्रीवास्तव, रामसजन यादव, सूर्यकुमार शुक्ल, सुनील गुप्ता, संजय अग्रहरि, डीसी दुबे, अंकुर वर्मा, डेजी सरदार, रमेश सिंह, रविन्द्र कश्यप सहित तमाम लोग शामिल रहे।
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