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बिहार के अधिकांश क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश और वज्रपात से पिछले 24 घंटे में 6 लोगों की मौत हो चुकी है
पटना: बिहार के अधिकांश क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश और वज्रपात से पिछले 24 घंटे में 6 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं पूरे प्रदेश भर में ठनका ने अबतक 41 लोगों की जान ( Death Due to Lighting In Bihar) ली है. इस घटना पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने प्रभावित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की है. साथ ही सभी मृतक के परिजनों ( Thunderstorm In Bihar) को तत्काल 4-4 लाख रुपये अनुग्रह अनुदान देने का ऐलान (CM Nitish Announces Compensation) किया है.
सीएम नीतीश ने किया मुआवजे का ऐलान: मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा कि राज्य के 3 जिलों में वज्रपात से 5 लोगों की मृत्यु दु:खद है. प्रभावित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना है. सभी मृतकों के परिजन को तत्काल 4-4 लाख रुपए का अनुग्रह अनुदान दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि सभी लोग खराब मौसम में पूरी सतर्कता बरतें. आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किए गए सुझावों का पालन करें. खराब मौसम में घरों में रहें और सुरक्षित रहें.
विभिन्न इलाकों में तीन लोगों की मौतः नालंदा जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में शुक्रवार को वज्रपात का कहर देखने को मिला. दीनगर थाना इलाके के मजीतपुर गांव में 18 साल के युवक की ठनका की चपेट में आने से जान चली गई. वहीं, नालंदा थाना इलाके के भट्टबिगहा में भी 20 साल के युवक की मौत हो गई. इसके बाद कूल गांव में झोपड़ी पर आकाशीय बिजली गिरने से एक शख्स की मौत हो गई. झोपड़ी में मौजूद तीन बकरियां भी झुलसकर मर गईं. नालंदा रेलवे स्टेशन के पास भी वज्रपात हुआ, जिसकी चपेट में आने से एक भैंस की मौत हो गई.
तीन मजदूर भी बुरी तरह झुलसेः उधर बेतिया के बैरिया प्रखंज के श्रीनगंर पुजहां में तेज बारिश के साथ एक किसान की मौत हो गई. जबकि तीन मजदूर भी बुरी तरह झुलस गए. हादसे के वक्त सभी खेत में रोपाई का काम कर रहे थे. इसी तरह जहानाबाद के भवानीचक गंगापुर गांव में एक महिला की बिजली की चपेट में आने से मौत हो गई. बांका में बाराहाट थाना इलाके के खड़ीहरा गांव में वज्रपात से एक बच्चे की जान चली गई और उसकी मां बुरी तरह झुलस गई.
मौजूदा सीजन में अब तक 41 की मौत : आपदा प्रबंधन मंत्री रेणु देवी (Minister Renu Devi) के दिए गए आंकड़े के अनुसार मौजूदा सीजन में व्रजपात से 29 जून तक 35 लोगों की मौत हो चुकी थी. 28-29 जून के आंकड़ों पर नजर डाले तो सिर्फ दो दिन के अंदर आकाशीय बिजली से 23 लोगों की मौत हुई थी. वहीं इससे पहले 12 लोगों की मौत हुई थी, अब बीते 1 जुलाई को वज्रपात से 6 और लोगों की मौत हो गई, जिससे मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 41 हो गया है.
बिजली गिरने पर क्या करेंः सिर के बाल खड़े हो जाएं या झुनझुनी होने लगे तो फौरन नीचे बैठकर कान बंद कर लें. यह इस बात का संकेत है कि आपके आस-पास बिजली गिरने वाली है. दोनों पैरों को आपस में सटा लें, दोनों हाथों को घुटनों पर रख कर अपने सिर को जमीन की तरफ जितना संभव हो झुका लें. सिर को जमीन से सटने न दें. जमीन पर कभी न लेटें. पेड़ बिजली को आकर्षित करते हैं, इसलिए पेड़ के नीचे खड़े न हों. समूह में न खड़े रहें, अलग-अलग हो जाएं. जहां हैं, वहीं रहें. हो सके तो पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसे-लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लें. घर से बाहर हैं तो धातु से बनी वस्तुओं का इस्तेमाल न करें. बाइक, बिजली के पोल या मशीन से दूर रहें. बिजली से चलने वाले उपकरणों से दूर रहें. खिड़कियों, दरवाजे, बरामदे और छत से दूर रहें.
Rani Sahu
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