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बिहार | नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत हजारों दुकान संचालित हैं. लेकिन, 660 ही ट्रेड लाइसेंस ले अपना व्यवसाय करते हैं. जिससे नगर निगम को राजस्व का नुकसान हो रहा है. नगर निगम ने ट्रेड लाइसेंस निर्गत करने को लेकर व्यवसायिक क्षेत्रों में कैंप का भी आयोजन की थी. वहीं नगर आयुक्त ने व्यापारियों के साथ बैठक कर ट्रेड लाइसेंस लेने को कहा था. बावजूद नगर निगम क्षेत्र में इसका असर खास देखने को नहीं मिला. विदित हो कि नगर निगम क्षेत्र में सभी दुकानदारों को दुकान संचालन से पूर्व ट्रेड लाइसेंस लेना अनिवार्य है. शहर में छोटे-बड़े स्तर के हजारों दुकानों का संचालन होता है. बावजूद नगर निगम क्षेत्र में अधिकतर दुकानें बिना ट्रेड लाइसेंस के ही संचालित हो रही हैं. ट्रेड लाइसेंस को ले निगम द्वारा सख्ती नहीं किए जाने से दुकानदार नियम-कानून की परवाह किए बिना प्रतिष्ठान संचालित कर रहे हैं. वहीं जागरूकता के अभाव में भी बहुत से दुकानदार लाइसेंस के बगैर ही अपनी दुकानें संचालित करते हैं.
660 प्रतिष्ठानों ने लिये हैं ट्रेड लाइसेंस नगर निगम क्षेत्र में हजारों दुकानें संचालित हैं. लेकिन, सिर्फ 660 दुकानदारों द्वारा ही ट्रेड लाइसेंस ले दुकानें संचालित की जा रही हैं. वहीं अन्य हजारों दुकानदार बिना ट्रेड लाइसेंस के ही अपनी दुकानों को चला रहे हैं. पूर्व में 400 दुकानदारों के पास ही ट्रेड लाइसेंस था. जबकि जून माह में चलाए गए जागरूकता अभियान के साथ शहर के विभिन्न व्यवसायिक क्षेत्रों में लगाए गए कैंप के माध्यम से 260 दुकानदारों ने लाइसेंस के लिए आवेदन दिया था. इसके बाद ट्रेड लाइसेंस लेने वाले दुकानदारों की संख्या बढ़कर 660 हुई. नगर आयुक्त यतेंद्र कुमार पाल ट्रेड लाइसेंस को ले व्यवसायियों के साथ बैठक की थी.
बोर्ड की बैठक में विलंब शुल्क को ले हो सकता है निर्णय
27 सितंबर को संभावित नगर निगम बोर्ड की बैठक होनी है. बैठक में ट्रेड लाइसेंस को लेकर भी चर्चा हो सकती है. जिसमें दुकानदारें से विलंब शुल्क के साथ ट्रेड लाइसेंस निर्गत करने को लेकर चर्चा हो सकती है. साथ ही दुकानदारों द्वारा ट्रेड लाइसेंस नहीं लेने की स्थिति में विलंब शुल्क में वृद्धि करने पर भी चर्चा हो सकती है. संभावना है कि बोर्ड ट्रेड लाइसेंस के मुद्दे पर अपनी मुहर लगा सकती है.
ताकि नगर निगम को ज्यादा से ज्यादा राजस्व प्राप्त हो सके.
कैंप के साथ कराया गया था प्रचार-प्रसार
नगर निगम में ट्रेड लाइसेंस के प्रभारी निजामुद्दीन खां ने बताया कि ट्रेड लाइसेंस को लेकर माइकिंग करायी गयी थी. व्यवसायिक क्षेत्रों में कैंप का आयोजन करने के साथ वार्ड के कर तहसीलदार के माध्यम से भी उनके वार्डों में संचालित व्यापारिक प्रतिष्ठानों के संचालकों को आवेदन भी दिया गया था.
सभी प्रतिष्ठानों को ट्रेड लाइसेंस लेना है जरूरी
बिहार सरकार नगरपालिका अधिनियम के तहत सभी छोटे-बड़े सभी दुकानदारों को ट्रेड लाइसेंस लेना अनिवार्य है.
ऐसा नहीं करने पर जुर्माना का भी प्रावधान है. बिहार नगर पालिका अधिनियम 2007 के अंतर्गत नया व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, तो पहले आपको ट्रेड लाइसेंस लेना होगा. अगर आप नगर निगम क्षेत्र में पान दुकान, जेनरल स्टोर, स्पेयर पार्ट्स, कपड़ा दुकान, शॉपिंग मॉल समेत कोई भी छोटी-बड़ी दुकान खोलना चाहते हैं, तो उसके लिए भी लाइसेंस लेना पड़ेगा. ट्रेड लाइसेंस निर्गत होने के बाद ही व्यापार शुरू कर सकते हैं.
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Harrison
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