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बिहार: बिहार में सूखे का खतरा मंडरा रहा है. किसानों में हाहाकार मचा हुआ है. सबसे बुरा हाल तो मुजफ्फरपुर और सासाराम का है. यहां बारिश नहीं होने की वजह से धान की रोपनी बुरी तरह प्रभावित हुई है. खेतों में लगाई गई धान की फसलें सूख रही हैं.
बिहार में सूखे का खतरा, खेतों में पड़ी दरार देख फट रहा किसानों का कलेजा
देश के अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. वहीं दूसरी तरफ बिहार में सूखे का खतरा मंडरा रहा है. बारिश नहीं होने से मुजफ्फरपुर में किसानों में हाहाकार मचा हुआ है. खेतों में दरारें पड़ गई हैं. धान की फसल सूखने लगी है. डीजल पंप से सिंचाई करने वाले किसानों को सरकार ने 750 रुपये प्रति एकड़ की सहायता राशि देने का ऐलान किया है.
बिहार के कई जिलों में बारिश की कमी के कारण धान की रोपनी ठीक से शुरू भी नहीं हो पाई है. उधर मुजफ्फरपुर में बारिश कम होने के कारण मुजफ्फरपुर जिले में सूखे की स्थिति बन गई है. मुजफ्फरपुर जिले में सर्वाधिक वर्षा जुलाई में होती है लेकिन इस बार औसत से कम 885.6 एमएम वर्षा ही हुई है. जुलाई में औसत वर्षा 304.80 होती है लेकिन इस बार जुलाई में कुल 119.2 एमएम वर्षा ही हुई है. यह 10 वर्ष में जुलाई में सबसे कम वर्षा होने का रिकॉर्ड है.
किसानों ने क्या कहा?
मुशहरी, कटरा, सकरा, मुरौल, बंदरा, औराई,बोचहां सकरा मीनापुर की हालात ऐसे हो गए हैं कि सावन के महीने में गांवों में चापाकल सूख चुके हैं. दिन में मोटर पंपसेट पानी नहीं उगल रहा है. कई प्रखंडों के किसान काफी परेशान हैं. मुजफ्फरपुर के किसान पंपिंग सेट से खेत में पटवन कर रहे हैं. किसान मोहम्मद इब्राहिम ने बताया कि खेतों में दरार आने लगी है, जितना धान की खेती में खर्च लग रहा है उसका लागत कीमत भी मिलने की उम्मीद नहीं है.
वहीं एक महिला किसान इंदु देवी ने कहा 150 से 170 रुपये प्रति घंटा देकर पटवन करा रहे हैं. धान रोपने में काफी खर्च आ रहा है अगर बारिश नहीं हुई तो धान को बचाने के लिए हर 15 दिन पर पान पटाना होगा जो सम्भव नहीं है. इससे लागत भी अधिक आएगी. सरकार की तरफ से फिलहाल कोई अनुदान भी नहीं दिया जा रहा है. किसान क्रेडिट कार्ड हैं, लेकिन उससे किसानों को कोई फायदा नहीं मिल रहा है. पूरे मामले पर प्रखंड कृषि पदाधिकारी शत्रुध्न पंडित का कहना है कि 22 जुलाई से किसानों को डीजल अनुदान देने के लिए आवेदन लिया जा रहा है.
इसके लिए किसानों को ऑनलाइन अप्लाई करना है. किसानों को एक एकड़ का 750 रुपये अनुदान मिलेगा. प्रखंड कृषि पदाधिकारी शत्रुध्न पंडित ने बताया कि डिजल अनुदान उन्हीं किसानों को दिया जाएगा जो पंप सेट से खेत पटा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जो बिजली से पानी पटा रहे हैं, उन्हें अनुदान नहीं मिलेगा. प्रखंड कृषि पदाधिकारी ने बताया कि अभी तक डीजल अनुदान के लिए किसानों का 148 आवेदन आया है.
बिहार के सासाराम जिले में भी सूखे की मार पड़ रही है. बारिश नहीं होने की वजह से धान की रोपनी बुरी तरह प्रभावित हुई है. खेतों में लगाई गई धान की फसलें सूख रही हैं. अबतक जिले में 40 फीसदी धान की रोपनी नहीं हो पाई है. किसानों का कहना है कि अगर दो दिन और बारिश नहीं हुई तो खेती पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी.
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