महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट के बीच लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे को उनकी ही पार्टी के नेताओं ने पीठ में छुरा घोंपा है. महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक संकट के बारे में पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर चिराग पासवान ने कहा, ''महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक संकट के लिए किसी को दोष नहीं दिया जाना चाहिए. शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे को उनकी ही पार्टी के नेताओं ने पीठ में छुरा घोंपा है. पिछले साल मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ था जब मेरी अपनी पार्टी के नेताओं ने मुझे धोखा दिया था और एक अलग पार्टी बनाई थी.
चिराग का इशारा परोक्ष तौर पर उनके चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की ओर था. पारस पिछले साल जून में चिराग की जगह लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के प्रमुख बन गए थे. पारस ने अपने दिवंगत भाई रामविलास पासवान की छाया में अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत की थी. लोजपा में अलग गुट बनने के बाद वह राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं.
केंद्र की अग्निपथ योजना को लेकर बिहार में सत्ताधारी राजग के घटक दलों जदयू और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के बीच हालिया वाकयुद्ध के बारे में पूछे जाने पर चिराग ने कहा, ''बिहार में राजग के घटक दलों के बीच अग्निपथ योजना को लेकर चल रही लड़ाई ने उन्हें बेनकाब कर दिया है. लोगों की सेवा करना उनकी (राजग नेताओं की) प्राथमिकता नहीं है. उनकी प्राथमिकता किसी भी कीमत पर सत्ता में बने रहना है. वैचारिक रूप से भाजपा और जदयू दोनों पूरी तरह से अलग हैं