बिहार
साहित्य अकादमी ने मैथिली कथा में पर्यावरण विमर्श पर वेबलाइन संगोष्ठी
Shantanu Roy
19 Oct 2022 6:04 PM GMT
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बड़ी खबर
मधुबनी। साहित्य अकादमी वेबलाइन साहित्य श्रृंखला के अन्तर्गत मैथिली कथा साहित्य मे पर्यावरण विमर्श पर बेव संगोष्ठी आयोजित हुई। मैथिली कथा साहित्य में पर्यावरण विमर्श पर साहित्य अकादमी द्वारा वेबलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। साहित्य अकादमी में मैथिली भाषा संयोजक अशोक अविचल ने बुधवार को बताया कि कार्यक्रम में देश के विभिन्न गांव, शहर, महानगर आदि जगहों से वेब के माध्यम से विभिन्न विद्वानों ने भाग लिया। साहित्य अकादमी के उपसचिव डा एन सुरेश बाबु ने स्वागत भाषण से कार्यक्रम का उद्घाटन किया। विषय प्रवेश प्रवर्तन मैथिली भाषा साहित्य के संयोजक डा अशोक कुमार झा अविचल द्वारा हुआ। बीज भाषण कुमार मनीष अरविंद, सदस्य मैथिली परामर्श मंडल साहित्य अकादेमी ने किया। प्रथम सत्र के अध्यक्षता मैथिली के प्रसिद्ध साहित्यकार प्रदीप बिहारी ने किया। इस सत्र में मैथिली कथा साहित्य में पर्यावरण पर विभिन्न विद्वानों द्वारा सारगर्भित चर्चा हुई।
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में आलेख प्रस्तुति हुई। कार्यक्रम में विद्वानों द्वारा अपना- अपना आलेख प्रस्तुत किया। साहित्य अकादेमी द्वारा प्रदत्त विषय चिन्हित था। आलेख सत्र की अध्यक्षता प्रख्यात मैथिली लेखक केदार कानन ने किया। कार्यक्रम में आलेख पाठ करने वालों में प्रमुख रूप से डा रवीन्द्र कुमार चौधरी ने मैथिली लोक कथा में पर्यावरण विमर्श प्रस्तुत किया। डा सुरेन्द्र भारद्वाज द्वारा मैथिलीक प्रारंभिक कथामे पर्यावरण विमर्शक स्वरूप बिषय पर व्याख्यान हुई। श्रेष्ठ लेखक नारायण झा ने मैथिली बाल कथामे पर्यावरण विमर्श सारगर्भित आलेख पाठ किया। वेबलाइन साहित्य अकादेमी का कार्यक्रम पूर्ण रूप से सफल बताया गया। पर्यावरण, पर्यावरण संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण तत्व आदि मैथिली भाषा के कथा साहित्य के माध्यम से विभिन्न बातें आइ उनका विस्तार से जानकारी दी गई। विभिन्न विधाओं के विद्वानों ने भविष्य में पर्यावरण सुरक्षात्मक रचना साहित्य के माध्यम से नई पीढ़ी को देने की बात कही। निकट भविष्य में वेबलाइन कार्यक्रम साहित्य अकादेमी द्वारा मैथिली कविता में पर्यावरण,मैथिली उपन्यास में पर्यावरण पर भी कार्यक्रम होने ज जानकारी दी गई।
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