पटना:Phulwari Sharif Terror Conspiracy: बिहार की राजधानी पटना के फुलवारी से गिरफ्तार हुए आतंकियों के मामले में हर रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं. आतंकियों के द्वारा किए गए खुलासे बाद पुलिस विभाग के साथ-साथ खुफिया एजेंसियों के भी होश फाख्ता हो गए हैं. जिसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए पूरे मामले की जांच का जिम्मा NIA को दिया गया है. जिसके बाद NIA की टीम राज्य के विभिन्न जिलों में लगातार छापेमारी कर रही है. इसके साथ ही पीएफआई से जुड़े एक्टिव और स्लीपर सेल के लोगों की लगातार गिरफ्तारी की जा रही है.
एनआईए कोर्ट में स्थानांतरित हुआ अभिलेख
वहीं फुलवारी शरीफ टेरर केस के दर्ज हुए दो मामलों से जुड़े सारे अभिलेख को एनआईए की विशेष अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया है. इससे पहले ये सारे अभिलेख एसीजेएम नौ के पास था. बता दें कि एनआईए ने 15 जुलाई को दर्ज फुलवारी शरीफ थाना में दर्ज हुए कांड संख्या 840/22 को स्पेशल 8/22 के रूप में धारा 121, 121 ए, 120 बी, 505 बी, 153 ए भादवि व 66 आईटी एक्ट के तहत दर्ज किया है. वहीं 13 जुलाई 2022 को फुलवारीशरीफ थाने में दर्ज हुए कांड संख्या 827/2022 को एनआईए ने स्पेशल 7/22 के रूप में धारा 120,120 बी, 121,121 ए, 153 ए, 153 बी व 34 के तहत दर्ज किया है.
26 लोगों के खिलाफ एफआईआर
बता दें कि देश को तोड़ने वाली इस साजिश का खुलासा तब हुआ जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पटना के एक दिवसीय दौरे पर आने वाले थे. आतंकियों के साजिश के तहत भारत को मिशन 2047 के तहत इस्लामिक राष्ट्र में तब्दील करने की साजिश थी तो दूसरी तरफ डायरेक्ट जिहाद 2023 की साजिश का मकसद था. देश को तोड़ने वाली इस साजिश के तार पाकिस्तान और बांग्लादेश तक जुड़े हुए हैं. इस मामले में अतहर परवेज, मो जलालुद्दीन, समीर अख्तर, रियाज, सनाउल्लाह, तौशीफ आलम समेत 26 लोगों के खिलाफ पीएफआई के तहत देश विरोधी साजिश रचने के आरोप में एफआईआर किया गया है.