पटना. बिहार में नीतीश कुमार सरकार रोजगार को लेकर चाहे कितने ही दावे कर ले लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, बिहार में रोजगार मांगने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। चालू वित्तीय वर्ष के दो महीने में ही राज्य के 34 हजार 217 लोगों ने रोजगार मांगा है, जबकि अब तक राज्य के 14 लाख 32 हजार से अधिक बेरोजगारों ने रोजगार के लिए नेशनल करियर सर्विस पोर्टल पर निबंधन कराया है।
बेरोजगारों को ऑनलाइन निबंधन की सुविधा नेशनल करियर सर्विस (एनसीएस) पोर्टल पर वित्तीय वर्ष 2015-16 से मिली हुई है। पहले वर्ष बिहार के मात्र 5152 बेरोजगारों ने ऑनलाइन पोर्टल पर निबंधन कराया था। इसके बाद वाले वर्ष में ऐतिहासिक रूप से बेरोजगारों का पोर्टल पर निबंधन हुआ। वर्ष 2016-17 में छह लाख पांच हजार 380 बेरोजगारों ने पोर्टल पर निबंधन कराया।
वहीं इसके बाद वाले वर्ष 2017-18 में एक लाख 53 हजार 702 तो वर्ष 2018-19 में एक लाख 43 हजार 854 बेरोजगारों ने पोर्टल पर निबंधन किया। वर्ष 2019-20 में एक लाख 18 हजार 813 बेरोजगारों ने पोर्टल पर निबंधन किया। वहीं कोरोना के कारण वित्तीय वर्ष 2020-21 में सबसे कम 66 हजार 73 बेरोजगारों ने ही पोर्टल पर निबंधन करवाया। कोरोना का प्रभाव जैसे ही खत्म हुआ कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में तीन लाख पांच हजार 683 बेरोजगारों ने निबंधन कराए जो हाल के वर्षों में सबसे अधिक है।
वहीं चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 के दो महीने में ही 34 हजार से अधिक बेरोजगारों ने निबंधन कराया है। इसमें अप्रैल में 14 हजार 871 तो मई में 19 हजार 346 निबंधन हुए। इस तरह अब तक 14 लाख से अधिक निबंधित बेरोजगारों में 11 लाख 17 हजार 993 पुरुष तो तीन लाख 13 हजार 2244 महिलाएं हैं।
बेरोजगारों को रोजगार देने के मामले में बिहार सरकार के दर्जनभर विभागों की ओर से पहल की जा रही है। इसके लिए जिला स्तर पर दो दिन तो प्रमंडल स्तर पर तीन दिन नियोजन सह मार्गदर्शक मेला लगाया जा रहा है। इसके अलावा जॉब कैंप का भी आयोजन किया जा रहा है। कोरोना काल के पहले विभाग ने काफी संख्या में रोजगार दिए। कोरोना के कारण मेला का आयोजन नहीं होने के कारण अधिक संख्या में बेरोजगारों को रोजगार नहीं दिया जा सका।