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बिहार मेडिकल कचरे का सही तरीके रख-रखाव से लेकर उठाव व उसका निस्तारण नहीं होने पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है. बिहार सरकार के द्वारा लागू न्यू क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट के तहत सभी निजी अस्पताल व नर्सिंग होम को निबंधन कराना होगा. प्रदूषण का मानक पूरा नहीं होने पर उस निजी अस्पताल को सीधे तौर पर बंद करने का कानून पारित है. इससे पहले बिहार के कुछ जिले में इस कानून के तहत कुछ निजी अस्पतालों को बंद किया जा चुका है. इसके साथ ही बायो मेडिकल कचरा प्रबंधन नियम 2016 के तहत वैसे अस्पतालों से पांच लाख रुपये जुर्माने या एक साल तक सजा का भी प्रावधान किया गया है. जिले में सरकारी व निजी अस्तपालों से बायो मेडिकल कचरे का तेजी से उत्पादन हो रहा है.
मेडिकल कचरे का उठाव से लेकर निस्तारण की जिम्मेवारी सेनर्जी वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड, भागलपुर को दी गयी है. निजी एजेंसी के मार्केटिंग एक्सक्यूटिव कुंदन कुमार ने बताया कि जिले के 22 सरकारी अस्पताल व 233 निजी अस्पताल ही सेनर्जी वेस्ट मैनेजमेंट से सूचीबद्ध है. वैसे अस्तपालों से मेडिकल कचरे का उठाव रविवार व नेशनल होलीडे छोड़कर प्रतिदिन किया जाता है. जबकि जिले में करीब 576 निजी अस्पताल संचालित हैं.
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