बिहार

हजरत मोहम्मद साहब के जन्म दिवस पर निकाला गया जुलूस

Shantanu Roy
9 Oct 2022 6:02 PM GMT
हजरत मोहम्मद साहब के जन्म दिवस पर निकाला गया जुलूस
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अररिया। इस्लाम धर्म के प्रवर्तक पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिवस के मौके पर जिले भर में अनुयायियों ने जुलूस निकाला,जिसमें इस्लामिक निशान के साथ राष्ट्रीय ध्वज थाम अनुयायियों ने राष्ट्र भक्ति की मिसाल पेश की।अकीदतमंद लोगों ने पूरी आस्था के साथ 12 रविअव्वल को मोहम्मद साहब का जन्मदिवस मनाया। जोकिहाट प्रखंड के चिरह, उदा, तुरकैली,अररिया प्रखंड से रामपुर कदरकट्टी,गाछी टोला आदि जगहों से जुलूस शान्ति पूर्वक निकाला गया। इधर इस्लामिक जानकार और उलेमाओं ने कहा की मिलादुन्नबी यानी इस्लाम के संस्थापक पैगंबर मोहम्मद साहब का जन्म दिन रविअव्वल महीने की 12 तारीख को मनाया जाता है । हजरत मोहम्मद साहब का जन्म मक्का (सऊदी अरब) में हुआ था ,उनके वालिद साहब का नाम अब्दुल्लाह बिन अब्दुल मुख्तलिब था और वाल्दा का नाम आमेना था। उनके पिता का स्वर्गवास उनके जन्म के दो माह बाद हो गया था, उनका लालन-पालन उनके चाचा अबू तालिब ने किया। हजरत मोहम्मद साहब को अल्लाह ने एक अवतार के रूप में पृथ्वी पर भेजा था ,क्योंकि उस समय अरब के लोगों के हालात बहुत खराब हो गए थे। लोगों में शराबखोरी,जुआखोरी,लूटमार ,वेश्यावृत्ति ,अज्ञानता,कई कुरीतियां भयंकर रूप से फैला हुआ था। कई लोग नास्तिक थे। ऐसे माहौल में मोहम्मद साहब ने जन्म लेकर लोगों को एक ईश्वर का संदेश दिया। यह बचपन से ही अल्लाह की इबादत में लीन रहते थे । कई कई दिनों तक मक्का की एक पहाड़ी पर जिसे अब्बल नूर कहते हैं, उसमे वह इबादत किया करते थे। 40 वर्ष की अवस्था में उन्हें अल्लाह की ओर से संदेश प्राप्त हुआ।मोहम्मद साहब ने खुदा के रूप में जिस धर्म को चलाया ,वह इस्लाम कहलाता है। इसका शाब्दिक अर्थ है, खुदा के हुक्म पर झुकना।
जोकीहाट के चिरह से निकले जुलूस को सफल बनाने में पूरे गांव के लोग मौजूद थे। पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन भी जुलूस को शांतिपूर्ण तरीके से सफल बनाने के लिए चाक चौबन्ध रहे।अगल बगल के कई गांव से हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिवस पर जुलूस निकाली गई और दिन भर विभिन्न गांव के जुलूस का काफिला जिला मुख्यालय तक आता रहा और मुख्यालय का भ्रमण करते हुए स्थानीय चांदनी चौक होते हुए सुभाष चंद्र बोस स्टेडियम में प्रवेश किया।जहां विभिन्न गांव से आए जुलूस एक सभा में परिणत हो गया। जहां उलेमाओं ने अपनी तकरीर में कहा के हजरत मोहम्मद साहब के संदेशों को जन-जन तक पहुंचाएं। उनके शिक्षा को आम करें। इस मौके पर स्टेडियम में आयोजित सभा के समापन पर उलेमाओं ने पूरे दुनिया के लिए अमन चैन, व शांति के लिए दुआएं भी सामूहिक रूप से की गई। मौके पर एसडीपीओ पुष्कर कुमार व अनुमंडल पदाधिकारी शैलेशचंद्र दिवाकर भी मौजूद थे । उन्होंने भी बताया कि यूं तो अररिया जिले में सभी पर्व आपसी भाईचारे के साथ मनाया जाता है। अररिया जिला में गंगा जमुना तहजीब का मिशाल देखने को मिलता है और सभी पर्व यहां आपसी भाईचारे के साथ मनाई जाती है और यह पर्व भी आज शांतिपूर्ण तरीके से मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मनाया । उन्होंने चिरह के मुखिया शाहिद आलम व पूर्व सरपंच इश्तियाक आलम को भी पर्व की मुबारकबाद दी। वहीं शाम तक विभिन्न मस्जिदों, इबादतगाहों व खानकाओं में दरूद फातेहा का एहतमाम होता रहा। इस मौके पर जुलूस का नेतृत्व करते हुए चीरह के मुखिया मो शाहिद आलम, पूूूर्व मुुखिया शहजादुर्रहमान, पूर्व सरपंच इश्तियाक, मो इस्लाम, मौलाना जफरुद्दीन, मुनव्वर आलम, साकिब, तनवीर, जफर आलम, अब्दुल वाहिद, आबिद, हाफिज इरशाद,मुज्तबा ,आले हक, कारी अशरफ, लाडला, सूरज, इम्तियाज ,मुदस्सीर, कारी अशरफ, मो अली आदि शामिल थे।
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