बिहार

हाई रिस्क प्रेग्नेंसी से बचाव के लिए प्रसव पूर्व जांच जरूरी: डॉ सोनाली

Shantanu Roy
27 Oct 2022 5:55 PM GMT
हाई रिस्क प्रेग्नेंसी से बचाव के लिए प्रसव पूर्व जांच जरूरी: डॉ सोनाली
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मोतिहारी। सुरक्षित और सामान्य प्रसव हो यह हर गर्भवती महिला चाहती है। परन्तु यह आसान नहीं है क्योंकि गर्भावस्था के दौरान थोड़ी सी लापरवाही बड़ी परेशानी का कारण बन सकती है।ऐसे में गर्भवती महिला को स्वास्थ्य के प्रति विशेष सतर्कता बरतने जरूरत है।उक्त बातें स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ सोनाली गुप्ता ने बताते हुए कहा कि गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिलाओं को कई शारीरिक परेशानियों से गुजरना पड़ता है। किन्तु इसमें एक परेशानी हाई रिस्क प्रेग्नेंसी (उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था) भी है। हाई रिस्क प्रेग्नेंसी से पीड़ित होने के कई कारण है। जिसमें सबसे बड़ी वजह अधिक उम्र में गर्भधारण होना और एनीमिया है। इससे बचाव के लिए समय पर आवश्यक प्रसव पूर्व जांच और सतर्कता बेहद जरूरी है।क्योकी प्रसव पूर्व जांच हाई रिस्क प्रेग्नेंसी में काफी सहायक होती इससे इसके शुरुआती दौर का पता चल जाता है।जिससे आवश्यक उपचार की बदौलत इससे बचा जा सकता है। डॉ सोनाली गुप्ता ने बताया कि हाई रिस्क प्रेग्नेंसी से बचाव के लिए हर गर्भवती महिला को गर्भावस्था के दौरान कम से कम चार बार प्रसव पूर्व जांच व आवश्यक टीकाकरण जरूर करानी चाहिए। बीपी, सुगर, थायरॉयड, वजन, हेमोग्लोबिन स्तर के साथ ही अल्ट्रासाउंड द्वारा गर्भ में पल रहे बच्चे की जांच आवश्यक है। उन्होंने बताया कि किसी प्रकार की कोई शारीरिक परेशानी होने पर भी तुरंत योग्य चिकित्सकों से जांच करानी चाहिए
कम और अधिक उम्र में भी गर्भधारण से होती है समस्या
वैसे तो हाई रिस्क प्रेग्नेंसी की समस्या किसी भी गर्भवती महिला को हो सकती है। किन्तु कम यानी 19 वर्ष आयु के पूर्व और अधिक यानी 35 वर्ष से अधिक आयु वर्ग की गर्भवती महिलाओं में हाई रिस्क प्रेग्नेंसी की समस्या होने की प्रबल संभावना रहती है। इसलिए, ऐसी महिलाओं को निश्चित रूप से गर्भधारण के पूर्व और गर्भावस्था के दौरान लगातार नियमित तौर पर स्वास्थ्य जांच कराते रहना चाहिए। साथ ही इससे बचाव के लिए चिकित्सीय परामर्श के साथ खान-पान का विशेष ख्याल रखना चाहिए।
क्या है इसके मुख्य लक्षण
हाई रिस्क प्रेग्नेंसी में लगातार बुखार रहना, सिर दर्द होना, आराम करते समय सांस फूलना, पेट में दर्द होना, त्वचा पर लाल चकते होना, वजन बढ़ना, सूजन होना आदि इसके लक्ष्ण होते है।
बचाव के लिए पौष्टिक और आयरन युक्त भोजन जरूरी
हाई रिस्क प्रेग्नेंसी से बचाव के लिए गर्भवती महिलाओं को खान-पान, साफ-सफाई समेत अन्य जरूरी सावधानी को लेकर सतर्क रहना चाहिए। पौष्टिक और आयरन युक्त खाना का सेवन हाई रिस्क प्रेग्नेंसी से बचाव के लिए काफी कारगर है। इसलिए, खासकर गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक और आयरन युक्त आहार का सेवन करना चाहिए।
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