पालीगंज। एक ओर राज्य सरकार जनता को समुचित स्वास्थ्य व्यवस्था मुहैया कराने की वादा कर रही है। तो दूसरी ओर पालीगंज अनुमण्डल अस्पताल इसकी झूठी व खोखले वेड की पोल खोलती दिखाई दे रही है। जिसका जीता जागता उदाहरण सोमवार को पालीगंज अनुमंडलीय अस्पताल में देखने को मिला। जहां आजदा गांव निवासी रवि कुमार के 21 वर्षीय पत्नी नीजु कुमारी गर्भवती थी। जिसे इलाज के लिए रविवार को ही अनुमंडल अस्पताल पालीगंज में भर्ती कराया गया था। वही प्रसूता निज कुमारी की तवियत खराब थी। जिसे सोमवार को पटना PMCH के लिए रेफर किया गया था। लेकिन दोपहर को प्रसूता अस्पताल के गेट पर एक कुर्सी पर बैठी कराहती नजर आई। पूछे जाने पर परिजनों ने बताया कि हम सभी एम्बुलेंस का इंतजार कर रहे है। जबकि पास में ही 2 सरकारी एम्बुलेंस खड़ी थी। वही अस्पताल के 2 कमरे में एक एक व्यक्ति दिखाई दिया। जिन्होंने पूछे जाने पर बताया कि वह एम्बुलेंसकर्मी है। अंततः इंतजार करती प्रसूता को निजी टेम्पो से पटना पीएमसीएच के लिए जाना पड़ा।
वही उस वक्त कईं चिकित्सक भी मौजूद नही थे। यहां तक कि उपाधीक्षक आभा कुमारी भी गायब थी। जो लगभग 1 बजे अस्पताल पहुंचे। उसी वक्त कुछ डॉक्टर भी अस्पताल पहुंचे। साथ ही दवा काउंटर पर काफी भीड़ दिखाई दिया जिसे कतारबद्ध करने के लिए कोई शुरक्षा गार्ड तक नही था। वहां कुछ मरीजों से पूछे जाने पर बताया कि यहां कुछ ही दवा मिल पाती है। शेष दवा बाहर मेडिकल स्टोर से लेना पड़ता है। वही इस सम्बंध में उपाधीक्षक आभा कुमारी ने बताई की यह अनुमण्डल अस्पताल को पालीगंज बाजार से अलग हटकर रामपुर नगमा गांव में बनाया गया है तथा पीएचसी को पालीगंज पुरानी भवन में संचालित हो रही है। दोनों अस्पतालों के प्रभारी होने के नाते दोनों अस्पतालों में समय देना पड़ता है। वही उन्होंने बताई की अस्पताल की भवन की चारदीवारी नही होने तथा आसपास में पुलिस पिकेट नही होने के कारण यहां स्वास्थ्यकर्मी अपने को असुरक्षित महसूस करते है। जिसके कारण कुछ एम्बुलेंसकर्मी को यहां कमरे में रखा गया है। प्रसूता को एम्बुलेंस उपलब्ध नही होने की बात पर बताई की दो पीएचसी पालीगंज व तीन अनुमंडल अस्पताल के लिए एम्बुलेंस है। लेकिन फिलहाल यहां एम्बुलेंस नही है कही मरीज को लेकर या लेने क्षेत्र में गयी हुई है। खड़ी एम्बुलेंस के बारे में बताई की यह शव वाहन है। वही दवा के बारे में बताई की यहां पर्याप्त मात्रा में दवा उपलब्ध है।