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बिहार | मौसम में उतार-चढ़ाव का कुप्रभाव लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है. पिछले एक सप्ताह से पटना के अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ गई है. सितंबर के दूसरे सप्ताह की तुलना में तीसरे सप्ताह में यह वृद्धि लगभग 30 से 40 प्रतिशत तक है. पिछले सप्ताह पीएमसीएच की ओपीडी में औसत मरीजों की संख्या 1400 से 1500 प्रतिदिन रहती थी.
अब यह संख्या बढ़कर 2000 से 2200 हो गई है. आईजीआईएमएस में भी दूसरे सप्ताह तक 2200-2300 मरीज प्रतिदिन आते थे, तीसरे सप्ताह में यह बढ़कर 2500 से 2700 हो गई है. एम्स पटना के ओपीडी में मरीजों की संख्या 4000 से बढ़कर पांच हजार के पार पहुंच गई है. न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल के ओपीडी में भी मरीजों की संख्या बढ़ी है.
अस्पताल आनेवाले मरीज सांस की गंभीर तकलीफ, वायरल सर्दी खांसी, बुखार, सिर और बदन दर्द, डायरिया और चर्म रोग से ग्रसित पाए जा रहे हैं. पीएमसीएच के मेडिसिन ओपीडी के डॉ. राजन ने बताया कि लगभग 50 प्रतिशत संख्या सांस की तकलीफ और बुखार से पीड़ितों की रह रही है. उसके बाद चर्म रोग से पीड़ितों की संख्या ज्यादा रह रही है. चर्म रोग विभाग की डॉ. स्मिता प्रसाद ने बताया कि खासकर फंगल संक्रमण (दिनाय) तथा बच्चों व महिलाओं में मच्छरों व कीड़ा के काटने से होनेवाले फोड़े, फूंसी और खुजली के पीड़ित रह रहे हैं. मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण पीएमसीएच, आईजीआईएमएस, एनएमसीएच, एम्स जैसे अस्पतालों के इमरजेंसी में भी मरीजों को जगह नहीं मिल पा रही है. एम्स-आईजीआईएमएस से मरीजों को दूसरे अस्पतालों में रेफर किया जा रहा है. पीएमसीएच में मरीजों को नीचे लिटाकर इलाज किया जा रहा है. कई अस्पतालों की पड़ताल में यह सच्चाई सामने आई है.
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Harrison
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