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दरभंगा, (आईएएनएस)। बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर द्वारा रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताए जाने पर जहां बिहार की सियासत इस ठंड के मौसम में भी गर्म है, वहीं इस बयान की जानकारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अब तक नहीं है। उन्होंने गुरुवार को साफ कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को अपनी समाधान यात्रा के क्रम में दरभंगा में है। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में उनसे शिक्षा मंत्री के रामचरितमानस पर दिए गए बयान पर सवाल किया गया, तब मुख्यमंत्री ने इस बयान को लेकर अनभिज्ञता जता दी।
उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने हालांकि यह जरूर कहा कि वो शिक्षा मंत्री से इस बारे में बात करेंगे।
उल्लेखनीय है कि बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने बुधवार को नालंदा ओपन विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए रामचरितमानस की एक चौपाई सुनाते हुए कहा कि यह ग्रंथ नफरत पैदा करता है।
उन्होंने समारोह से बाहर निकलने के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि यह ग्रंथ अलग-अलग युग में नफरत फैलाने वाले हैं।
उन्होंने कहा कि एक युग में मनुस्मृति, दूसरे युग में रामचरित मानस और तीसरे युग में गोलवलकर का बंच ऑफ थॉट्स ने नफरत फैलाने में अपनी भूमिका निभाई है। ये देश को, समाज को नफरत में बांटती है। नफरत देश को महान नहीं बनाती है जब भी महान बनाएगा तो मोहब्बत ही बनाएगा।
--आईएएनएस
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