बिहार में रविवार को आयोजित मद्य निषेध सिपाही भर्ती परीक्षा को लेकर भागलपुर में 15 सेंटरों में 7931 अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया. परीक्षा समिति सहित जिला प्रशासन और जिला पुलिस द्वारा परीक्षा को लेकर की गयी चेकिंग के दौरान 78 अभ्यर्थियों को ब्लूटूथ के साथ पकड़ा गया है. वहीं इसमें कई खुलासे भी अब हो रहे हैं. भागलपुर के सैंडिस कम्पाउंड में सेटरों ने डील की थी. 10 से 12 लाख रुपये की डिमांड की बात सामने आ रही है.
सैंडिस कंपाउंड ग्राउंड में दी गयी डिवाइस
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूछताछ के दौरान पकड़े गये कुछ अभ्यर्थियों ने भागलपुर के सैंडिस कम्पाउंड में उन्हें बुलाये जाने की बात स्वीकार की है. उन्होंने पूछताछ में पुलिस को बताया है कि परीक्षा से पूर्व सभी लोगों की बात अलग-अलग लोगों से हुई थी. इसके बाद परीक्षा के दो दिन पूर्व उन्हें कॉल आया और भागलपुर के अभ्यर्थियों को शनिवार को सैंडिस कंपाउंड में बुलाया गया था. वहां पहुंचने पर वहां तीन-चार लोग पहले से मौजूद थे, जिन्होंने उन्हें ब्लूटूथ डिवाइस देकर उसके उपयोग के तरीकों की जानकारी दी. उन्हें इस बारे में कहीं बाहर चर्चा करने पर बुरा अंजाम और उनके पेपर को रद्द कराने की धमकी दी गयी.
परीक्षा पास कराने गैंग सक्रिय
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भागलपुर पुलिस द्वारा की जा रही जांच में इस बात की भी जानकारी मिली है कि परीक्षा पास कराने को लेकर चल रहे इस फर्जीवाड़े में कुछ लोग परीक्षा का विज्ञापन जारी होने के बाद से ही भिड़े हुए थे.
10-12 लाख रुपये का रेट हुआ था तय
कुछ अभ्यर्थियों ने बताया कि परीक्षा पास कराने वाले रैकेट के सदस्यों ने उनसे 10 से 12 लाख रुपये की डिमांड की थी. इसका कुछ हिस्सा रैकेट के सदस्यों ने परीक्षा से पूर्व लिया था और कुछ हिस्सा परीक्षा पूर्ण हो जाने के बाद देने की बात तय हुई थी. पैसे पूरे नहीं करने पर परीक्षा का पेपर रद्द कराने की धमकी दी गयी थी.