बिहार के नवादा जिले के रजौली विधानसभा क्षेत्र के राजद विधायक प्रकाशवीर को छह माह की सजा सुनाई गई। साथ ही उन पर एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। 2005 के विधानसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता उल्लंघन करने के मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने शुक्रवार को यह फैसला दिया। सजा मिलने के बाद अपीलीय बेल बांड पर उन्हें मुक्त किया गया।
सहायक अभियोजन पदाधिकारी साकेत सौरभ ने बताया कि मामला 2005 के विधानसभा चुनाव के समय का है। उस समय प्रकाशवीर लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर रजौली विधान सभा के उम्मीदवार थे। चुनाव प्रचार के क्रम में 5 अक्टूबर 2005 को तत्कालीन रजौली थानाध्यक्ष शिवनारायण राम ने पाया कि प्रकाशवीर ने रजौली थाना मोड़ व गोलाई मोड़ के समीप बिजली के खम्भे व एनएच 31 पर रहे पीपल के पेड़ पर काफी संख्या में चुनाव से संबंधित बैनर व पोस्टर लगवाए हुए थे। तत्कालीन थानाध्यक्ष शिवनारायण राम ने स्वयं लिखित बयान के आधार पर रजौली थाना कांड संख्या 111/2005 दर्ज किया था। इसमें प्रकाशवीर को अभियुक्त बनाया गया था।
विशेष न्यायालय सांसद एवं विधायक सह अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सह प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कुमार अविनाश ने अदालत में गवाहों के बयान के आधार पर विधायक प्रकाशवीर को बिहार सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1985 की धारा 3 (1) के तहत दोषी करार देते हुए छह माह का कारावास और एक हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।