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गया। जिले के टनकुप्पा प्रखंड के भेटौरा पंचायत भवन में पंचायत के वार्ड सदस्य, आशा, और गर्भवती महिलाओं के अभिभावकों के साथ जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें संस्थागत प्रसव के महत्व पर जानकारी देते हुए पिरामल स्वास्थ्य के प्रोग्राम लीड नीरज कुमार द्वारा बताया गया कि इस आधुनिक युग मे भी टनकुप्पा प्रखंड में घर पर प्रसव हो रहा है जिससे मां और बच्चे की जान का खतरा हमेशा बना रहता है। कार्यक्रम में संस्थागत प्रसव कराने से होने वाले लाभों के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि सर्वप्रथम संस्थान में कुशल डॉक्टर, और प्रशिक्षित ए0एन0एम0 के देख रेख में प्रसव होता है एवं मां और बच्चे को प्रसव उपरांत सुरक्षित देख भाल भी होता है ।साथ ही साथ संस्थान में प्रसव होने पर जन्मप्रमाण पत्र, जननी सुरक्षा योजना से 1400 का प्रोत्साहन राशि, प्रथम बच्चा होने पर प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना के अंतर्गत 5 हजार की राशि एवं मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना अंतर्गत प्रथम 2 बच्चियों के लिए 2000 अलग से राशि दी जाती है।
मौके पर मुखिया अनिता देवी के द्वारा बताया गया कि हमलोग न संकल्प लिया है कि अब पंचायत में घर पर प्रसव नहीं होगा जरूरत पड़ने पर अपनी गाड़ी से भी गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुचायेंगे।और यथा सम्भव सभी को संस्थागत प्रसव के लिए अस्पताल जाने के लिए प्रेरित करेंगे। एवं प्रत्येक महीने आशा, वार्ड सदस्य एवं गर्भवती महिलाओं के अभिभावकों के साथ बैठक कर संस्थागत प्रसव करवाना सुनिश्चित करेंगे। आशा फसलिटेटर सुषमा कुमारी द्वारा अगस्त माह में 15 गर्भवती महिलाओं की सूची प्रस्तुत किया गया एवं मुखिया जी के द्वारा अनुरोध पत्र देते हुए कहा गया कि जब भी जरूरत हो तो संपर्क करें हर सम्भव मदद किया जाएगा। कार्यक्रम में प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक सुधांशु शेखर द्वारा सभी आशा को निर्देश देते हुए कहा गया कि अपने वार्ड के वार्ड सदस्य से समन्वय स्थापित करते हुए संस्थागत प्रसव शत प्रतिशत सुनिश्चित करें। बैठक के अंत मे आजादी के अमृत महोत्सव में संस्थागत प्रसव कराने का संकल्प किया गया इस कार्यक्रम में पूर्व जिला अध्यक्ष उमेश दास, पंचायत समाज सेवी दिलीप यादव, गांधी फेलो श्रीकांत पवार , दौलती देवी वार्ड सदस्य, नागेंद्र पासवान उप मुखिया धीरेंद्र कुमार अनीता देवी, चांदनी देवी ग्रामीण राजेन्द्र शर्मा, श्रवण कुमार, रति देवी आदि को मुखिया अनिता देवी द्वारा पत्र देकर संस्थागत प्रसव के लिए प्रोत्साहित किया गया।
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