बिहार

साहित्य की समृद्ध हुई परंपरा पर डाला प्रकाश, 40 से अधिक रिसर्च स्कॉलर एवं फैकल्टी मेंबर ने शोध पत्र पढ़ा

Harrison
13 Sep 2023 1:50 PM GMT
साहित्य की समृद्ध हुई परंपरा पर डाला प्रकाश, 40 से अधिक रिसर्च स्कॉलर एवं फैकल्टी मेंबर ने शोध पत्र पढ़ा
x
बिहार | पूर्णिया विश्वविद्यालय पूर्णिया की अंगीभूत इकाई दर्शन शाह महाविद्यालय में अंग्रेजी विभाग के द्वारा आयोजित डीएस कॉलेज में अंतरराष्ट्रीय सेमिनार शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हो गया. विभिन्न सत्रों में आयोजित सेमिनार में महाविद्यालय में अंग्रेजी विभाग के द्वारा 1857 से पूर्व भारतीय साहित्य की परंपरा विषय पर अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया दूसरे दिन तीन पैरेलल टेक्निकल सेशन में 40 से अधिक की संख्या में बिहार एवं पूरे भारत के विभिन्न विश्वविद्यालय से रिसर्च स्कॉलर एवं फैकल्टी मेंबर ने अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया.
कार्यक्रम की शुरुआत में प्रथम वक्ता के रूप में हरियाण विश्वविद्यालय अमेठी के एक्सपर्ट इन लिंग्विस्टिक्स एंड कल्चर के प्रोफेसर सह विश्व भारतीय निकेतन के पूर्व वाईस चांसलर उदय नारायण सिंह ने भारतीय साहित्य की समृद्ध परंपरा पर विशेष संदर्भ प्रस्तुत किया. उसके बाद दर्शन साह महाविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर डॉ मुरारी प्रसाद ने भारतीय साहित्य के शुरुआती उपलब्धियां एवं उसकी महत्ता पर प्रकाश डाला साथ ही भारतीय साहित्यकारों के उत्कृष्ट लेखों पर प्रकाश डाला. मौके पर टेक्निकल सेशन में ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों मोड में शोधार्थियों ने अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया. लंच ब्रेक के बाद दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के समापन समारोह में मंच पर आरडीएस कॉलेज सलमारी के प्रभारी प्राचार्य प्रोफेसर डॉक्टर डीके यादव, अंग्रेजी के सेवानिवृत्ति प्रोफेसर डॉक्टर कामेश्वर पंकज, डॉक्टर सीबीएल दास, प्रोफेसर ए.के ठाकुर, रसायन शास्त्रत्त् के प्रोफेसर सह कोऑर्डिनेटर प्रोफेसर वी के ओझा एवं पूर्णिया विवि के सीनेट सदस्य शिव शंकर सरकार मौजूद रहे. इस सत्र में मंच पर उपस्थित सभी वक्ताओं ने भारतीय साहित्य की परंपराओं चर्चा की. इस अवसर पर ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्री सुमित सिंह के द्वारा सेमिनार का रिपोर्ट प्रस्तुत किया गया. अंत में कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन अंग्रेजी विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉक्टर सीबीएल दास के द्वारा किया गया.
Next Story