न्यूज़क्रेडिट:लाइव हिन्दुस्तान
सीपीआई-एमएल के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने दावा किया है कि अगर नीतीश कुमार की अगुवाई वाली एनडीए सरकार चलती रहती है तो महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की तरह 2024 से पहले बीजेपी नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटा देगी। बिहार में बीजेपी-जेडीयू गठबंधन में टूट और जेडीयू-आरजेडी महागठबंधन सरकार बनने की अटकलों के बीच माले महासचिव ने कहा है कि अगर जदयू भाजपा का साथ छोड़ती है तो वामपंथी पार्टियां नीतीश कुमार का समर्थन करेंगी। बिहार विधानसभा में लेफ्ट के 16 विधायक हैं जिसमें 12 माले के और 2-2 सीपीआई और सीपीएम के हैं।
दीपांकर भट्टाचार्य ने पीटीआई से कहा कि अगर जेडीयू बीजेपी का साथ छोड़ती है और एक नई सरकार बनती है तो हम मदद करेंगे। वहीं सीपीएम पोलित ब्यूरो के सदस्य नीलोत्पल बसु ने कहा कि अगर बिहार में नया समीकरण बनता है तो यह अच्छी बात होगी। हम इस बात का स्वागत करेंगे अगर बीजेपी का प्रभाव खत्म किया जाता है। हालांकि बसु ने कहा कि सीपीएम अभी हालात पर नजर रखे हुए है और किसी ऐसा होगा, वैसा होगा जैसे सवाल पर जवाब नहीं देगी।
बिहार में राजनीतिक माहौल गर्म है और अटकल बहुत तेज है कि नीतीश बीजेपी का साथ छोड़कर आरजेडी नेतृत्व वाले महागठबंधन को साथ लेकर नई सरकार बना सकते हैं। नीतीश की नाराजगी की बात कर रहे लोग गिनती कर रहे हैं कि दिल्ली में सरकार के लगातार चार कार्यक्रमों में बिहार के मुख्यमंत्री नहीं गए।
आरसीपी सिंह के इस्तीफे के बाद शुरू हुए आरोप-प्रत्यारोप और बयानबाजी में जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने बीजेपी को बिना नाम लिए लपेट दिया और कहा कि चिराग मॉडल पर जेडीयू के खिलाफ साजिश रची जा रही थी। जेडीयू का आरोप रहा है कि चिराग पासवान को आगे करके जेडीयू को 2020 के विधानसभा चुनाव में हराया गया जिससे उनकी पार्टी कम सीटें जीत पाई। चिराग ने उस चुनाव में बीजेपी की सीट पर लोजपा का कैंडिडेट नहीं दिया था लेकिन जेडीयू की सीटों पर एलजेपी के उम्मीदवार लड़े थे।