बिहार
IPS अधिकारी राजेंद्र सिंह भट्टी ने बिहार के नए DGP का कार्यभार संभाला
Shantanu Roy
19 Dec 2022 5:30 PM GMT
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बिहार। IPS अधिकारी राजेंद्र सिंह भट्टी ने बिहार के नए पुलिस महानिदेशक (DGP) के रूप में कार्यभार संभाला।
IPS अधिकारी राजेंद्र सिंह भट्टी ने बिहार के नए पुलिस महानिदेशक (DGP) के रूप में कार्यभार संभाला। pic.twitter.com/cRxsYIAnXn
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 19, 2022
बिहार के नए डीजीपी राजविंदर सिंह भट्टी की छवि एक सख्त प्रशासक के रूप में मशहूर है। भट्टी ने बिहार में कई बाहुबलियों को मात दी है। शायद यही कारण है कि सूबे के अंदर बाहुबलियों की नींद उड़ गई है। आरएस भट्टी का पुराना रिकॉर्ड ऐसा है कि उनका नाम सुनकर भी बड़े से बड़े अपराधी थर-थर कांपने लगते हैं। आरएस भट्टी ने शहाबुद्दीन, प्रमुनाथ सिंह और बाहुबली अनंत सिंह के बड़े भाई और पूर्व विधायक दिलीप सिंह के खिलाफ एक्शन लिया था। यहीं नहीं जहानाबाद में एसपी रहते भट्टी ने रणवीर सेना के खिलाफ भी कार्रवाई की थी, तब रणवीर सेना से उनकी मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में रणवीर सेना के कई सदस्य मारे गए थे।
खबर बिहार की राजधानी पटना से है जहां राज्य के नवनियुक्त डीजीपी राजविंदर सिंह भट्टी पटना पहुंचे पटना एयरपोर्ट पर कई बड़े पुलिस पदाधिकारियों ने उनका स्वागत किया कल पदभार ग्रहण करेंगे. pic.twitter.com/1WmesiyhxW
— Asmeet sinha (@AsmeetonGround) December 19, 2022
शहाबुद्दीन को दिल्ली से गिरफ्तार करके बिहार लाने का वाकया बेहद चर्चित है। वर्ष 2005 के विधानसभा चुनाव के दौरान राजविंदर सिंह भट्टी (आरएस भट्टी) केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटकर बिहार आए थे और उन्हें सारण डीआईजी का पदभार सौंपा गया था। उस समय फरार चल रहे बाहुबली शहाबुद्दीन के दिल्ली में रहने की सूचना मिली। तब वे पांच पदाधिकारियों की विशेष टीम बनाकर दिल्ली गये।
वहां के द्वारका स्थित शहाबुद्दीन के फ्लैट की पहले रेकी की गई। फिर अपने साथ गई एक महिला सब-इंस्पेक्टर गौरी कुमारी को पहले घर के अंदर बिजली चोरी के मामले की जांच करने के बहाने से अंदर भेजा। जब यह स्पष्ट हो गया कि बाहुबली अंदर ही हैं, तब पूरी टीम अंदर घुसकर शहाबुद्दीन को दबोच लिया। फिर बाहुबली को सुरक्षा कारणों से विशेष हेलीकॉप्टर से पटना लाया गया था। उस समय सुरक्षा कारणों से दिल्ली से पटना सड़क या रेल मार्ग से लाना बहुत असुरक्षित था। इसके बाद कुछ अन्य बाहुबलियों के खिलाफ ऑपरेशन को अंजाम देने के कारण सुरक्षा कारणों से फिर से उन्हें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाना पड़ा। केंद्र जाकर उन्होंने सीबीआई में अपनी सेवा दी।
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