बिहार
परलोक सुधारना है तो नेत्रदान-अंगदान का संकल्प करें: सुशील मोदी
Shantanu Roy
14 Aug 2022 11:48 AM GMT
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पटना। अष्टम अन्तरराष्ट्रीय अंगदान दिवस पर राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने यहां शनिवार को कहा कि जानवर के अंग मृत्यु के बाद भी काम आते है परंतु मानव का अंग किसी काम नहीं आता। यदि अपना परलोक सुधारना है तो नेत्रदान-अंगदान का संकल्प करें। सुशील मोदी एवं उनके परिवार ने इस अभियान के लिए दो लाख का चेक समिति को दिया। इस अवसर पर मंगल पांडेय ने कहा कि दधीचि देहदान समिति बिहार के लगातार प्रयास के कारण बिहार के नौ सरकारी मेडिकल कॉलेजों में आई बैंक की स्थापना हो सकी। कुछ दिन पूर्व ही आई बैंक को संचालित करने के लिए अलग से तकनीशियन एवं विशेष एम्बुलेंस का व्यवस्था कर दी गई है। समिति के महासचिव पद्मश्री बिमल जैन ने उनके प्रयासों के लिए हृदय से धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि अभी तक आईजीआईएमएस में 695 कॉर्निया का दान हुआ है।
पीएमसीएच में 129 कॉर्निया का दान हुआ है। समिति के प्रयास से स्वैच्छिक नेत्रदान की संख्या बढ़ी है। इस अवसर पर आठ संपूर्ण शरीर दानी परिवार एवं 35 नेत्रदानी परिवार को सम्मानित किया गया। दधीचि देहदान समिति बिहार ने कोरोना पीड़ित नाबालिगों की सहायता कर पूरे देश में कीर्तिमान स्थापित किया है। 1000 पीड़ित नाबालिगों बच्चों को भरण पोषण सहायता योजना के तहत 500 रुपये प्रति बालक तीन वर्षो तक देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। 38 जिलों के 356 परिवारों के बेसाहारा नाबालिग 756 बच्चों को विगत एक वर्ष से उनके परिवार के खाते में सहायता भेजी जा रही है। इस मौके पर भाजपा के दीघा विधायक डॉ संजीव चौरसिया रूबन अस्पताल के चेयरमैन डॉ सत्यजीत सिंह नेफ्रोलौजी के विभागाध्यक्ष डॉ ओम कुमार सोटो के चेयरमैन डॉ मनीष मंडल एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा अंगदान से संबंधित राज्य स्तरीय परामर्शदात्री समिति की सदस्यों का सम्मान किया गया।
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